लोकसभा और राज्यसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। दोनों ही सदनों में विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी-जी राम जी बिल को मंजूरी मिल गई है। यह बिल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा की जगह लेगा। एक तरफ ये बिल पास हुआ तो दूसरी ओर विपक्ष लगातार इस बिल का विरोध कर रहा है और मोदी सरकार पर कई आरोप लगा रहा है। अब कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने एक वीडियो जारी करते हुए मनरेगा को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है।
सोनिया गांधी ने मनरेगा कानून को बताया क्रांतिकारी कदम
सोनिया गांधी ने कांग्रेस के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने 20 साल पहले लाए गए मनरेगा कानून को क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि मुझे आज भी याद है, 20 साल पहले डॉ. मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे, तब संसद में मनरेगा कानून आम राय से पास किया गया था। यह ऐसा क्रांतिकारी कदम था, जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण परिवारों को मिला था। खासतौर पर वंचित, शोषित, गरीब और अतिगरीब लोगों के लिए रोजी-रोटी का जरिया बना।
उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए अपनी माटी, अपना गांव, अपना घर-परिवार छोड़कर पलायन करने पर रोक लगी। रोजगार का कानूनी हक दिया गया, साथ ही ग्राम पंचायतों को ताकत मिली। मनरेगा के जरिए महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों के भारत की ओर एक ठोस कदम उठाया गया।
सरकार ने मनरेगा पर चला दिया बुलडोजर
सोनिया गांधी ने कहा कि पिछले 11 साल में मोदी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार, गरीबों और वंचितों के हितों को नजरअंदाज कर मनरेगा को कमजोर करने की हर कोशिश की, जबकि कोविड के वक्त ये गरीब वर्ग के लिए संजीवनी साबित हुआ लेकिन बहुत अफसोस की बात है कि अभी हाल में सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया। न सिर्फ महात्मा गांधी का नाम हटाया गया, बल्कि मनरेगा का रूप-स्वरुप बिना विचार-विमर्श किए, बिना किसी से सलाह-मशवरा किए, बिना विपक्ष को विश्वास में लिए मनमाने ढंग से बदल दिया गया। अब किसको, कितना, कहां और किस तरह रोजगार मिलेगा, यह जमीनी हकीकत से दूर दिल्ली में बैठकर सरकार तय करेगी।
मनरेगा को लागू करने में कांग्रेस का बड़ा योगदान
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस का मनरेगा को लाने और लागू करने में बड़ा योगदान था, लेकिन यह पार्टी से जुड़ा मामला कभी नहीं था। ये देशहित और जनहित से जुड़ी योजना थी। मोदी सरकार ने इस कानून को कमजोर करके देश के करोड़ों किसानों, श्रमिकों और भूमिहीन ग्रामीण वर्ग के गरीबों के हितों पर हमला किया है। इस हमले का मुकाबला करने के लिए हम सब तैयार हैं।
सोनिया गांधी ने ‘जी राम जी’ बिल को बताया काला कानून
सोनिया गांधी ने हाल ही में पेश हुए ‘विकसित भारत- जी राम जी’ बिल को काला कानून बताया है। उन्होंने कहा कि 20 साल पहले अपने गरीब भाई-बहनों को रोजगार का अधिकार दिलवाने के लिए मैं भी लड़ी थी, आज भी इस काले कानून के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मेरे जैसे कांग्रेस के सभी नेता और लाखों कार्यकर्ता आपके साथ खड़े हैं।
भाई और बहनों.. नमस्कार
मुझे आज भी याद है, 20 साल पहले डॉ. मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे, तब संसद में मनरेगा कानून आम राय से पास किया गया था। यह ऐसा क्रांतिकारी कदम था, जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण परिवारों को मिला था। खासतौर पर वंचित, शोषित, गरीब और अतिगरीब लोगों के लिए… pic.twitter.com/mjH4CfYRVe
— Congress (@INCIndia) December 20, 2025





