पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए खेल संबंधों को पुनर्जनन की वकालत की है। पहलगाम में हाल के आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़े तनाव के बीच उन्होंने कहा कि खेल दोनों देशों के बीच शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने का सबसे प्रभावी माध्यम हो सकता है।
महबूबा ने कहा कि युद्ध का माहौल न तो भारत और न ही पाकिस्तान के हित में है, जहां बेरोजगारी और गरीबी जैसी समस्याएं पहले से मौजूद हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “शांति के लिए खेल प्रतियोगिताएं शुरू होनी चाहिए। यह न केवल तनाव कम करेगा, बल्कि बेरोजगारी और गरीबी से निपटने में भी मदद करेगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों को युद्ध पर खर्च करने के बजाय शांति पर ध्यान देना चाहिए।
आक्रामकता का माहौल बनाया गया
पीडीपी चीफ ने भारतीय जनता पार्टी की नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में आक्रामकता का माहौल बनाया गया है, जिसके कारण विपक्षी दल भी युद्धविराम के खिलाफ सवाल उठाने को मजबूर हैं। महबूबा ने दावा किया कि भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की शांति नीति को छोड़कर आक्रामक रुख अपनाया है, जिससे दक्षिण एशिया में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका कमजोर हुई है।
आतंकी हमलों को युद्ध से जोड़ने का नया चलन
पूर्व मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि आतंकी हमलों को युद्ध से जोड़ने का नया चलन खतरनाक है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान जैसे छोटे देश के साथ तनाव बढ़ाने के बजाय, भारत को पड़ोसियों से बातचीत कर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) में अपनी स्थिति मजबूत करनी चाहिए।” महबूबा ने जोर दिया कि खेल और बातचीत के जरिए ही क्षेत्र में स्थायी शांति संभव है।





