Sun, Dec 28, 2025

Famous Ghats: भारत के 4 सबसे खूबसूरत और चर्चित घाट, पर्यटकों के लिए हैं बेहद खास

Written by:Bhawna Choubey
Published:
Famous Ghats: भारत नदियों का देश है और इन नदियों के किनारे बसे अनेक घाट अपनी खूबसूरती और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। इन घाटों का न सिर्फ धार्मिक महत्व है, बल्कि ये पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं।
Famous Ghats: भारत के 4 सबसे खूबसूरत और चर्चित घाट, पर्यटकों के लिए हैं बेहद खास

Famous Ghats: हिंदुस्तान की धरती प्राचीन परंपराओं, समृद्ध संस्कृति और आध्यात्मिकता से भरी है। इस धरती की रगों में जीवनदायिनी नदियों का जाल बिछा है, जो सिर्फ पानी ही नहीं, बल्कि आस्था और सांस्कृतिक धरोहर भी बहाती हैं। इन पवित्र नदियों के किनारों पर बसे अनगिनत शहर और कस्बे तीर्थस्थल बन गए हैं, जहां श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। इन नदियों के साथ ही जुड़ा है घाटों का अनोखा सिलसिला। सीढ़ियों की तरह बने ये घाट नदियों के किनारों को सुव्यवस्थित करते हैं और आस्था एवं दैनिक जीवन का संगम स्थल बनते हैं। आइए, इस लेख में हम भारत की कुछ प्रमुख पवित्र नदियों और उनके किनारे बसे चर्चित घाटों की यात्रा करें।

भारत के 4 सबसे खूबसूरत और चर्चित घाट

अस्सी घाट, वाराणसी

वाराणसी, भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक, गंगा नदी के तट पर स्थित अस्सी घाट के लिए जाना जाता है। यह घाट न केवल अपनी धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी जीवंत संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। कहा जाता है कि देवी दुर्गा ने राक्षस शुंभ और निशुंभ का वध करने के बाद अपनी तलवार इसी स्थान पर फेंक दी थी। जहाँ तलवार गिरी, वहां एक गड्ढा बन गया और उसमें से एक जलधारा बहने लगी। इसी जलधारा को अस्सी नदी के नाम से जाना जाता है।

हर की पौड़ी, हरिद्वार

हिंदुओं के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल, हर की पौड़ी, उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार शहर में गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह घाट अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। हर की पौड़ी का नाम भगवान विष्णु के चरण चिह्न से जुड़ा है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां अपना चरण रखा था, जिसके बाद यह स्थान पवित्र हो गया। हर की पौड़ी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यहाँ लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। घाट पर कई मंदिर भी हैं, जिनमें हरि चंद्रेश्वर मंदिर, चंडी देवी मंदिर और माया देवी मंदिर प्रमुख हैं।

मां कामाख्या मंदिर घाट, गुवाहाटी

मां कामाख्या मंदिर घाट, असम राज्य के गुवाहाटी शहर में ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह देवी कामाख्या, जो देवी पार्वती का ही एक रूप हैं, का मंदिर है। कामाख्या मंदिर घाट शक्ति उपासना का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। तंत्र साधना के लिए यह मंदिर विशेष प्रसिद्ध है। यहाँ योनि पूजा की जाती है, जो देवी कामाख्या की योनि का प्रतीक है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान शिव सती के मृत शरीर को लेकर तांडव कर रहे थे, तब विष्णु ने चक्र से सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया था। सती का योनि भाग गुवाहाटी में गिरा था, जहाँ आज कामाख्या मंदिर स्थापित है। कामाख्या मंदिर घाट में कई उत्सव और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। इनमें अंबुवासी मेला, मणिकर्णिका उत्सव और नवरात्रि प्रमुख हैं।

मणिकर्णिका घाट

गंगा नदी के तट पर स्थित, वाराणसी का मणिकर्णिका घाट, अपनी आध्यात्मिकता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह घाट न केवल भारत के सबसे पुराने घाटों में से एक है, बल्कि इसे “मुक्ति का द्वार” भी माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां अपने कान से मणिकर्णिका नामक एक कुंड बनाया था। इसी कारण इस घाट का नाम मणिकर्णिका पड़ा। हिंदू धर्म में मणिकर्णिका घाट का विशेष महत्व है। यहाँ मृत व्यक्ति का दाह संस्कार करने से उसकी आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। यही वजह है कि देशभर से लोग अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए इस घाट पर आते हैं। मणिकर्णिका घाट हमेशा चहल-पहल से भरा रहता है। यहां आपको हर समय चिताओं की लपटें और धुंआ उठते हुए दिखाई देंगे। घाट पर कई पुजारी और साधु भी मौजूद रहते हैं जो दाह संस्कार की क्रियाओं का संचालन करते हैं।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।