आजकल कई माता-पिता यह कहते सुनाई देते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई में मन नहीं लगाता, बार-बार समझाने पर भी बात भूल जाता है या दूसरों के सामने बोलने से डरता है। अक्सर हम इसे बच्चों की शरारत, मोबाइल का असर या उम्र का बदलाव मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कई बार इसका कारण बुध दोष भी हो सकता है।
हर माता-पिता अपने बच्चे का उज्ज्वल भविष्य चाहते हैं। इसलिए जरूरी है कि हम समय रहते उन संकेतों को समझें, जो बच्चे के मानसिक और बौद्धिक विकास से जुड़े होते हैं। बुध ग्रह का सीधा संबंध बुद्धि, पढ़ाई और सोचने-समझने की शक्ति से माना गया है।
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, वाणी, याददाश्त और एकाग्रता का स्वामी माना गया है। खासतौर पर बच्चों की कुंडली में बुध की स्थिति बहुत अहम होती है। जिन बच्चों की कुंडली में बुध मजबूत होता है, वे जल्दी सीखते हैं, सवाल पूछते हैं और आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रखते हैं। वहीं, बुध कमजोर या दोषपूर्ण होने पर बच्चे पढ़ाई, व्यवहार और निर्णय लेने में परेशान नजर आते हैं। यही स्थिति आगे चलकर उनके करियर को भी प्रभावित कर सकती है।
बच्चों पर बुध दोष के आम और खतरनाक लक्षण
पढ़ाई और याददाश्त पर असर
बुध दोष का सबसे पहला असर पढ़ाई पर दिखता है। बच्चा किताब खोलकर बैठता तो है, लेकिन जो पढ़ता है उसे याद नहीं रख पाता। परीक्षा के समय सब भूल जाना बुध दोष का बड़ा संकेत माना जाता है।
बोलने में झिझक और आत्मविश्वास की कमी
बुध वाणी का कारक ग्रह है। इसके कमजोर होने पर बच्चा अपनी बात साफ-साफ नहीं कह पाता। कई बार हकलाना, डरकर बोलना या चुप रहना जैसी आदतें बन जाती हैं। इससे उसका आत्मविश्वास धीरे-धीरे कम होने लगता है।
एकाग्रता का अभाव
जब बच्चा एक जगह देर तक नहीं बैठ पाता, पढ़ाई के दौरान उसका ध्यान जल्दी भटक जाता है और वह छोटी-छोटी बातों में उलझ जाता है, तो ज्योतिष के अनुसार यह बुध दोष का संकेत माना जाता है।
त्वचा और एलर्जी से जुड़ी समस्याएं
ज्योतिष शास्त्र में बुध का संबंध त्वचा से माना गया है। यदि बुध दोष हो, तो बच्चों को बार-बार खुजली, एलर्जी, रैशेज या अन्य स्किन प्रॉब्लम हो सकती हैं, जो उनकी परेशानी बढ़ाती हैं।
निर्णय लेने में परेशानी
बुध कमजोर होने पर बच्चा सही और गलत के बीच फर्क करने में उलझन महसूस करता है। छोटी-छोटी बातों पर भी उसे निर्णय लेने में समय लगता है और आत्मविश्वास की कमी साफ नजर आती है।
माता-पिता के लिए चेतावनी संकेत
बुध दोष को शांत करने के आसान उपाय
भगवान गणेश की पूजा
बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा बहुत लाभकारी मानी जाती है। हम सलाह देते हैं कि बच्चे से खुद गणेश जी को दूर्वा और मोदक अर्पित करवाएं। इससे बुद्धि तेज होती है और डर दूर होता है।
हरी वस्तुओं का दान
बुध ग्रह का रंग हरा है। बुधवार को हरी मूंग दाल, हरे फल या हरे वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है। गाय को हरा चारा खिलाना भी बुध दोष को शांत करता है।
बुध मंत्र का जाप
बुध के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए यह मंत्र बहुत प्रभावशाली माना जाता है, “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” बच्चे के कमरे में यह मंत्र लिखकर लगाने या रोज सुनाने से भी सकारात्मक असर पड़ता है।
हरे रंग का उपयोग
बुधवार को बच्चे को हल्के हरे रंग के कपड़े पहनाएं। उसके स्टडी रूम में भी हरे रंग का हल्का इस्तेमाल करें। यह रंग मन को शांत करता है और एकाग्रता बढ़ाता है।
बुध दोष और पढ़ाई का सीधा संबंध
जब बुध दोष शांत होता है, तो बच्चे की पढ़ाई में अपने आप सुधार आने लगता है। वह सवाल पूछने लगता है, चीजों को समझने लगता है और डर कम हो जाता है। यह जरूरी नहीं कि हर समस्या सिर्फ ज्योतिष से जुड़ी हो, लेकिन इन उपायों से बच्चे को मानसिक शांति जरूर मिलती है, जो पढ़ाई के लिए बहुत जरूरी है।
बच्चों के साथ माता-पिता का व्यवहार भी है अहम
सिर्फ उपाय कर लेना ही काफी नहीं है। हम मानते हैं कि बच्चे के साथ प्यार, धैर्य और समझदारी भी उतनी ही जरूरी है। बच्चे की तुलना दूसरों से न करें। उसे यह महसूस कराएं कि वह खास है। जब बच्चा खुद को सुरक्षित और समझा हुआ महसूस करता है, तो उसका मन और बुध दोनों मजबूत होते हैं।
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