सावन के महीने की शुरुआत आज से हो गई है, विश्व प्रसिद्द महाकाल मंदिर उज्जैन में सुबह से ही भक्तों की भीड़ जुट रही है, आज से महाकाल लोक में सावन महोतव की शुरुआत भी हो रही है, मंदिर प्रबंधन समिति ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरूप इस बार बाबा महाकाल की सवारियों को और अधिक भव्य रूप में निकालने का निर्णय लिया है।
मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में आज से एक महीने तक अलग ही माहौल दिखाई देगा, दूर दूर से बाबा महाकाल के भक्त उनके दर्शनों के लिए आएंगे, मंदिर समिति ने इसके लिए व्यापक प्रबंध किये हैं, मंदिर में प्रवेश से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक कड़ी कर दी गई है, इस बात का भी विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं कि भक्तों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
सावन महोत्सव में निकलेंगी 6 सवारी, महाकाल लोक में होगी सांस्कृतिक संध्या
सावन महोत्सव में बाबा महाकाल की सवारी देखने और उसमें शामिल होने का भक्तों को इन्तजार रहता है, इस बार भी सवारियां निकाली जायेंगी, मंदिर प्रबंधन समिति ने तय किया है कि सावन और भादौ महीने में कुल 6 सवारियां निकाली जायेंगी और सभी की थीम अलग अलग होगी। प्रतिदिन शाम के समय महाकाल लोक में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा जिसमें कलाकार आकर्षक प्रस्तुति देंगे।
बाबा महाकाल की पहली सवारी 14 जुलाई को
- भगवान श्री महाकालेश्वर की पहली सवारी 14 जुलाई को निकलेगी इसमें पालकी में श्री मनमहेश विराजित होंगे।
- दूसरी सवारी 21 जुलाई को निकलेगी इसमें पालकी में श्री चंद्रमोलेश्वर और हाथी पर श्री मनमहेश होंगे।
- तीसरी सवारी 28 जुलाई को निकलेगी इसमें पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव का दृष्य होगा।
- चौथी सवारी 4 अगस्त को निकाली जाएगी इसमें पालकी में श्री चंद्रमोलेश्वर हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव और नंदी रथ पर श्री उमा महेश होंगे।
- पांचवी सवारी 11 अगस्त को निकाली जाएगी इसमें पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव नंदी रथ पर श्री उमा महेश और रथ पर श्री होलकर स्टेट का दृश्य होगा।
- छठवीं अंतिम राजसी सवारी 18 अगस्त को निकाली जाएगी, इस सवारी में पालकी में श्री चंद्रमोलेश्वर ,हाथी पर श्री मन महेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव नंदी रथ पर श्री उमा महेश, रथ पर श्री होलकर स्टेट और रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद के रूप में भगवान विराजित होंगे।
हर सवारी की थीम अलग होगी
- पहली सवारी वैदिक उद्घोष थीम पर निकाली जाएगी। इस दौरान रामघाट और दत्त अखाड़ा पर बटुकों द्वारा भव्य वैदिक उद्घोष किया जाएगा और बटुकों द्वारा सवारी मार्ग में वैदिक उद्घोष किया जायेगा। इसी के साथ विभिन्न जनजातियों के समूहों द्वारा भगवान श्री महाकाल की सवारी में मनमोहक प्रस्तुति दी जायेगी।
- दूसरी सवारी में लोक नृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इसमें लोक नृत्य मटकी नृत्य मध्यप्रदेश, गणगौर नृत्य राजस्थान, बिहू नृत्य आसाम, भवाई नृत्य गुजरात, पुलियाट्म या टाइगर नृत्य कर्नाटक की प्रस्तुति रामघाट पर दी जाएगी।
- भगवान महाकालेश्वर की तीसरी सवारी में पुलिस बैंड, आर्मी बैंड, होमगार्ड बैंड और निजी बैंड के द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी।
- चौथी सवारी में पर्यटन की थीम पर मांडू के महल, सांची के स्तूप, खजुराहो के शिव मंदिर, देवी अहिल्या किला महेश्वर, भीमबेटका, ग्वालियर का किला, उदयगिरि की गुफाएं, विदिशा बाग की गुफाएं, धार की झांकियां निकाली जाएंगी।
- पांचवी सवारी की थीम धार्मिक होगी जिसमें श्री कृष्ण पाथेय और प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों व मंदिरों की झांकी निकाली जाएंगी। साथ ही सवारियों में विभिन्न जिलों के पृथक-पृथक जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति भी दी जाएगी।
- राजसी सवारी में 70 से अधिक भजन मंडलियों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रावण महोत्सव हर शनिवार को शाम 7:00 बजे से त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय के सभा कक्ष में आयोजित किया जाएगा।





