हिंदू धर्म में जितना महत्व देवी देवताओं और ग्रह नक्षत्र को दिया गया है उतना ही महत्व रत्नों को भी दिया गया है। हर रत्न का भी अपना महत्व है और यह किसी न किसी ग्रह से जुड़े हुए हैं। रुद्राक्ष (Rudraksh) एक ऐसी चीज है, जिसका सीधा संबंध भगवान शिव से बताया जाता है। यह जीवन में सुख शांति और समृद्धि लाने का काम करता है।
रुद्राक्ष एक नहीं बल्कि कई तरह के होते हैं। उन्हें अलग-अलग मुख के नाम से पहचाना जाता है। कोई चार तो कोई दस मुखी रुद्राक्ष होता है जिनका अपना अलग ही महत्व है। आज मैं आपको 10 से 14 मुखी रुद्राक्ष की शक्तियों से रूबरू करवाते हैं। चलिए यह जान लेते हैं कि किस रुद्राक्ष का कैसा फायदा होगा।
दस मुखी रुद्राक्ष (Rudraksh)
10 मुखी रुद्राक्ष बहुत समृद्धि दायक माना गया है। इससे भूत प्रेत की बाधा दूर होती है और घर में शांति और सुकून आता है। मान सम्मान की प्राप्ति करने, दुर्घटना और अकाल से रक्षा करने के लिए 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ माना गया है। यह शारीरिक और मानसिक कष्टों को दूर करता है।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
11 मुखी रुद्राक्ष को संकट मोचन के नाम से पहचाना जाता है। यह सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि के लिए बहुत शुभ माना गया है। इस जीवन में उन्नति और सौभाग्य आता है। अगर एकादशी के समान फल प्राप्त करना चाहते हैं तो इसे जरूर धारण करें। वैवाहिक सुख की प्राप्ति के लिए भी इस महत्वपूर्ण माना गया है। श्रद्धा विश्वास के साथ धारण किया गया यह रुद्राक्ष स्त्री को संतानवती होने का सौभाग्य देता है।
बारहमुखी रुद्राक्ष
12 मुखी रुद्राक्ष मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर करता है। इसे धारण करने से जीवन में सुख समृद्धि और ऐश्वर्य का आगमन होता है। दुर्घटना से बचाव करने के लिए इसे धारण किया जाता है। यह 12 ज्योतिर्लिंग और 12 सूर्य का प्रतीक है जो व्यक्ति को तेजस्वी व्यक्तित्व देता है।
तेरह मुखी रुद्राक्ष
अगर संपूर्ण मनोकामनाओं की पूर्ति करना चाहते हैं तो इसे जरूर धारण करें। ये व्यक्ति को ज्ञान, तर्क, शक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा देने का काम करता है। आकर्षण, उच्च पद, धन लाभ और मान सम्मान के लिए इसे उत्तम माना गया है।
चौदह मुखी रुद्राक्ष
अगर उत्साह और बल में वृद्धि करना चाहते हैं तो इसे जरूर धारण करें। यह शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्टों को दूर करता है। आध्यात्मिक और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए इसे धारण किया जाता है। इसमें हनुमान जी की शक्ति निहित होने की बात कही जाती है। ऐसा कहते हैं कि भगवान शंकर भी इसे धारण किया करते थे। जो व्यक्ति इसकी 108 दानों की माला से जप करता है, उसे सिद्धि प्राप्त होती है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।





