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Sat, Dec 20, 2025

17 जनवरी को रखा जाएगा सकट चौथ का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
सकट चौथ हिंदू धर्म में भगवान गणेश को समर्पित है। यह व्रत माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इसे संतान की दीर्घायु, सुख और कल्याण के लिए किया जाता है।
17 जनवरी को रखा जाएगा सकट चौथ का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Sakat Chauth 2025 : हिंदू धर्म में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनका शुभारंभ मकर संक्रांति के बाद होता है। फिलहाल, खरमास के कारण सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक है, लेकिन इसके समाप्त होते ही सकट चौथ का व्रत रखा जाएगा, जो महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत हर साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इसे संतान से जुड़ी समस्याओं के समाधान और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है।

शुभ मुहूर्त

इस वर्ष माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 17 जनवरी को सुबह 04 बजकर 06 मिनट से होगा। इसका समापन 18 जनवरी को सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर होगा। उदय तिथि के अनुसार, सकट चौथ 17 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन महिलाएं कठोर व्रत रखकर अपनी संतान की रक्षा और कल्याण के लिए भगवान गणेश से प्रार्थना करेंगी।

पूजा विधि

  • सुबह उठकर स्नान कर लें।
  • इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थान को साफ करें।
  • चौकी पर भगवान गणेश की मूर्ति और सकट माता का चित्र स्थापित करें।
  • मूर्ति और चित्र पर गंगाजल छिड़ककर उन्हें शुद्ध करें।
  • सुबह और शाम दोनों समय भगवान गणेश की पूजा करें।
  • भगवान को भोग के रूप में लड्डू और मोदक चढ़ाएं।
  • करें ये काम
  • इस दिन गरीबों में दाल, चावल, लड्डू, पैसे, किताब, कंबल आदि का दान करें।
  • गणपती बप्पा की प्रिय चीजों का सेवन कर सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

  • सकट चौथ के दिन तिल के लड्डू घर पर बनाएं और दान करें, क्योंकि दान को हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।
  • इस दिन घर में प्याज और लहसुन का प्रयोग न करें।
  • किसी से वाद-विवाद ना करें। कठोर शब्द ना कहें।
  • मांस, मदिरा का सेवन वर्जित है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)