Thu, Dec 25, 2025

शनिश्चरी अमावस्या 2025: शनि देव की कृपा चाहिए या कोप? इन 5 गलतियों से बचें वरना बढ़ेंगी परेशानियां

Written by:Bhawna Choubey
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शनिश्चरी अमावस्या 2025 का यह शुभ दिन शनि देव की कृपा पाने का बेहतरीन अवसर है, लेकिन अगर इस दिन कुछ खास गलतियां कर दी जाएं तो शनि देव का कोप भी झेलना पड़ सकता है।
शनिश्चरी अमावस्या 2025: शनि देव की कृपा चाहिए या कोप? इन 5 गलतियों से बचें वरना बढ़ेंगी परेशानियां

Shanishchari Amavasya 2025:अमावस्या का दिन हिन्दू धर्म में बेहद ख़ास माना जाता है, ख़ासकर पितरों के लिए। लेकिन जब ये अमावस्या तिथि शनिवार के दिन आती है तो यह शनिश्चरी अमावस्या कहलाती है। यह दिन शनि देव के प्रभाव वाला होता है और इसी शनि के कोप से बचने या उनकी कृपा पाने का सही मौक़ा माना जाता है।

शनिश्चरी अमावस्या का दिन शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा जैसे ग्रह दोषों से मुक्ति पाने का सुनहरा मौक़ा प्रदान करती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मित्रों का आशीर्वाद और शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा, दान एवं स्नान ध्यान किया जाता है।

कब है शनिश्चरी अमावस्या? (Shanishchari Amavasya 2025)

शनिश्चरी अमावस्या तिथि 28 मार्च शाम 7 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 29 मार्च शाम 4 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में शनिश्चरी अमावस्या 29 मार्च को मनाई जाएगी। 29 मार्च 2025, शनिश्चरी अमावस्या के दिन विशेष योग बन रहे हैं। यह दिन शनिदेव की विशेष कृपा पाने और पितृ दोष से मुक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

शनिश्चरी अमावस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

  • शनिश्चरी अमावस्या के दिन किसी भी जानवर को कष्ट नहीं पहुँचाना चाहिए। किसी भी पशु पक्षी को कष्ट पहुँचाने से शनिदेव नाराज़ हो सकते हैं।
  • शनिश्चरी अमावस्या के दिन गलती से भी नाख़ून, बाल और दाढ़ी नहीं काटना चाहिए। ये गलती करने से शनि दोष लग सकता है।
  • शनिश्चरी अमावस्या के दिन भूलकर भी लोहे का सामान नहीं ख़रीदना चाहिए। इससे दिन लोहे से जुड़ी चीज़ों को ख़रीदने से शनिदेव नाराज़ हो सकते हैं।
  • शनिश्चरी अमावस्या के दिन भूलकर भी बड़े बुजुर्गों और महिलाओं का अनादर नहीं करना चाहिए, इस दिन वाद विवाद नहीं करना चाहिए।

शनिश्चरी अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए?

  • शनिश्चरी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। अगर पवित्र नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो आप नहाने के पानी में गंगाजल भी मिला सकते हैं।
  • शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनिदेव की मूर्ति के पास तेल का दीपक लगाना चाहिए। शुभ फलों की प्राप्ति के लिए आप तेल में काला तिल और साबुत उड़द की दाल भी डाल सकते हैं।
  • शनिश्चरी अमावस्या के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों का दीपक जलाना चाहिए, और कम से कम सात बार उसकी परिक्रमा करनी चाहिए।
  • शनिश्चरी अमावस्या के दिन अमावस्या के दिन गरीबों को अनाज, काला कंबल या फिर काले वस्त्रों का दान करना चाहिए।
  • शनिश्चरी अमावस्या के दिन इसके अलावा काले कुत्ते को सरसों का तेल वाली रोटी खिलाना चाहिए। यह सब करने से शनिदेव बेहद प्रसन्न होते हैं।

    Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।