सिंगरौली द्वारा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अनुबंधित सीटाडेल आईएसडब्ल्यू कंपनी के गनियारी स्थित अपशिष्ट प्रसंस्करण प्लांट में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। मंगलवार को कलेक्टर गौरव बैनल द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में प्लांट संचालन में तकनीकी खामियां और कचरे के तौल में गड़बड़ी पाए जाने पर कलेक्टर ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने सीटाडेल आईएसडब्ल्यू प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी करने और देय भुगतान में कटौती करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने शुष्क एवं गीले अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई, मटेरियल रिकवरी प्लांट और सीएनडी वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट का बारीकी से देखा। इस दौरान शुष्क एवं गीले कचरे को अलग अलग करने के लिए लगी ऑटोमैटिक मशीनरी में खराबी पाई गई। प्लास्टिक सेपरेटर में लीकेज होने के कारण कचरे का शत प्रतिशत निष्पादन नहीं हो पा रहा था। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए मशीनरी की तत्काल जांच और सुधार के निर्देश दिए।
कचरे की तौल में भी गंभीर अनियमितता मिली
इसके अलावा वेब्रिज के माध्यम से कचरे की तौल में भी गंभीर अनियमितता सामने आई। निरीक्षण में पाया गया कि सेंसर आधारित ऑटोमैटिक सिस्टम से ली गई रीडिंग को सॉफ्टवेयर में स्वतः दर्ज नहीं किया जा रहा था, बल्कि ऑपरेटर द्वारा मैन्युअल एंट्री की जा रही थी। कलेक्टर ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए और स्पष्ट किया कि अनुबंध में दर्ज सभी एसएलए का सात दिवस के भीतर पूर्ण रूप से पालन सुनिश्चित किया जाए।
प्लांट में ही अपशिष्ट का शत-प्रतिशत प्रबंधन करें
कलेक्टर ने नगर निगम अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए कि स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि प्लांट में ही अपशिष्ट का शत-प्रतिशत प्रबंधन सुनिश्चित हो और नगरीय क्षेत्र में किसी भी प्रकार का कचरा डंपिंग प्वाइंट न बनने दिया जाए।
कार्यपालन यंत्री को नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश
कार्यपालन यंत्री को नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश देते हुए चेतावनी दी गई कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कचरा उठाव में लगे वाहनों की जीपीएस के माध्यम से रियल टाइम मॉनिटरिंग, रूट चार्ट के अनुसार समय पर कचरा संग्रहण, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में दो डस्टबिन के उपयोग की निगरानी तथा सड़कों पर दिन में दो बार स्वीपिंग कराने के निर्देश भी दिए गए।
कलेक्टर के निरीक्षण से मचा हडकंप
निरीक्षण के दौरान कार्यपालन यंत्री संतोष पाण्डेय, नोडल अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन आरपी बैस, स्वास्थ्य अधिकारी बाल गोविंद चतुर्वेदी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि अपशिष्ट प्रबंधन में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी और स्वच्छता व्यवस्था में किसी भी तरह की अनियमितता पर सख्त कदम उठाए जायेंगे

राघवेन्द्र सिंह गहरवार की रिपोर्ट





