Sun, Dec 28, 2025

चलते-चलते पीछे छूट गई आधी मालगाड़ी, जानें क्या हुआ

Written by:Amit Sengar
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कोयले का लोड अधिक होने के कारण ट्रेन दो हिस्से अलग हो गई है। जानकारी मिल रही है कि दो मालगाड़ियों को जोड़कर एक डबल गाड़ी बनाई गई थी। जिसमें 116 डिब्बे थे। ये मालगाड़ी कोरबा से राजस्थान छाबरा जा रही थी।
चलते-चलते पीछे छूट गई आधी मालगाड़ी, जानें क्या हुआ

Bhopal Railway Division

Umaria News : शहडोल-उमरिया रेलखंड में नौरोजाबाद एवं करकेली रेलवे लाइन के बीच बड़ा हादसा टल गया। बताया जा रहा है कि पठारी फाटक के पास कोयला से लोड मालगाड़ी का कपलिंग खुल जाने के कारण दो हिस्सों में बंट गई, वैसे ही पठारी फाटक बंद हो गया। जिससे एनएच 43 का भी अवागमन बंद हो गया है। फाटक के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। जानकारी मिलने के बाद रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंच कर जांच में जुट गए हैं।

बता दें कि कोयला से लोड मालगाड़ी शहडोल से कटनी की ओर आ रही थी। इस हादसे के बाद मौके पर पहुंच कर रेलवे के अधिकारियों ने मरम्मत के बाद ट्रेन को रवाना किया। कोयले का लोड अधिक होने के कारण ट्रेन दो हिस्से अलग हो गई है। जानकारी मिल रही है कि दो मालगाड़ियों को जोड़कर एक डबल गाड़ी बनाई गई थी। जिसमें 116 डिब्बे थे। ये मालगाड़ी कोरबा से राजस्थान छाबरा जा रही थी।

कपलिंग जोड़ने के बाद मालगाड़ी को किया रवाना

रेलवे के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सेंट्रल कपलर अलग हो जाने से ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई थी। मालगाड़ी के डिब्बे अलग होते ही डिब्बों में ब्रेक लग जाता है। वहीं ट्रेन को रोकने के लिए ट्रेन के डिब्बों में एयर ब्रेक लगाए जाते हैं। इन्‍हें तकनीकी तौर पर न्यूमैटिक ब्रेक कहते हैं। वहीं इन डिब्बों को जोड़ने में लगभग 35 मिनट का समय लगता है। ऐसा कभी-कभी होता है। दो ट्रेनों को एक साथ जोड़कर एक ट्रेन बनाई गई है जिसे लॉग हाल बोलते हैं। दोनों ट्रेनों के डिब्बों को जोड़कर मालगाड़ी को रवाना किया।

कपलिंग (Coupling) क्या है?

कपलिंग, ट्रेन के डिब्बों को आपस में जोड़ने वह तरीका है जो ट्रेन के हर छोर पर होती है। कपलिंग को कोच से जोड़ने वाले उपकरण को ड्राफ्ट गियर या ड्रॉ गियर कहते हैं। यह उपकरण, कपलिंग के खिंचाव और ट्रेन के त्वरण को सहन करता है।

उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट