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Sat, Dec 20, 2025

डिंपल यादव ने स्कूलों के विलय पर मैनपुरी के डीएम को लिखा पत्र, मांगे सात सवाले के जवाब

Written by:Saurabh Singh
Published:
सांसद ने पत्र में यह भी आरोप लगाया कि इस बड़े बदलाव से पहले अभिभावकों की लिखित सहमति नहीं ली गई। जो कि एक गंभीर लापरवाही है।
डिंपल यादव ने स्कूलों के विलय पर मैनपुरी के डीएम को लिखा पत्र, मांगे सात सवाले के जवाब

समाजवादी पार्टी की मैनपुरी सांसद डिंपल यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के स्कूलों के विलय (मर्जर) के फैसले का कड़ा विरोध किया है। डिंपल यादव ने मैनपुरी के जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह को एक विस्तृत पत्र लिखकर इस निर्णय से प्रभावित होने वाले छात्रों और उनके परिवारों को लेकर सात अहम सवाल पूछे हैं और पारदर्शिता के तहत इसका जवाब जल्द सार्वजनिक करने की मांग की है।

डिंपल यादव ने DM को लिखा पत्र

डिंपल यादव ने पत्र में लिखा है कि सरकार द्वारा मैनपुरी जिले के 943 विद्यालयों को चिह्नित किया गया है। जिनमें से अब तक 341 स्कूलों को बंद या विलय करने का आदेश जारी हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह कदम हजारों बच्चों की शिक्षा, भविष्य और उनके परिवारों को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करेगा।

सांसद ने पत्र में यह भी आरोप लगाया कि इस बड़े बदलाव से पहले अभिभावकों की लिखित सहमति नहीं ली गई। जो कि एक गंभीर लापरवाही है।

डिंपल यादव के सात सवाल

  1. इस आदेश से प्रभावित विद्यार्थियों का आय वर्ग के अनुसार (निम्न, मध्यम, उच्च) वर्गीकरण प्रस्तुत किया जाए।
  2. जातिगत आधार पर SC, ST, OBC और सामान्य वर्ग के कितने विद्यार्थी प्रभावित होंगे, इसका स्पष्ट विवरण दें।
  3. कुल प्रभावित बच्चों की संख्या ग्रामवार और ब्लॉकवार सूची के साथ प्रस्तुत की जाए।
  4. विद्यालय बंद होने के बाद बच्चों के लिए वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था क्या की गई है, इसकी जानकारी दी जाए।
  5. क्या इस फैसले से पहले अभिभावकों से कोई लिखित सहमति या आपत्ति ली गई है? यदि हां, तो उसकी प्रतियां प्रदान की जाएं।
  6. मर्ज किए गए विद्यालयों के शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों, रसोइयों और अन्य कर्मचारियों की नई नियुक्ति की जानकारी साझा की जाए।
  7. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में से कितनों को ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर तैनात किया गया है? उनकी सूची उपलब्ध कराई जाए।

जानकारी जल्द देने की मांग

डिंपल यादव ने अपने पत्र में जिलाधिकारी से मांग की है कि यह सभी सूचनाएं जनहित और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द सार्वजनिक की जाएं।