Sun, Dec 28, 2025

योगी कैबिनेट फैसले: भदोही और शाहजहांपुर में नए विश्वविद्यालय, गंगा पर दो बड़े पुलों सहित 25 प्रस्ताव मंजूर

Written by:Ankita Chourdia
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 25 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है। बैठक में भदोही के काशी नरेश पीजी कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा देने और मदरसा शिक्षकों के वेतन भुगतान विधेयक को वापस लेने जैसे अहम फैसले हुए।
योगी कैबिनेट फैसले: भदोही और शाहजहांपुर में नए विश्वविद्यालय, गंगा पर दो बड़े पुलों सहित 25 प्रस्ताव मंजूर

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे और शिक्षा क्षेत्र को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में कुल 25 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें नए विश्वविद्यालयों की स्थापना, गंगा नदी पर पुलों का निर्माण और मदरसा शिक्षा से जुड़े अहम निर्णय शामिल हैं।

सरकार ने उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तीन नए विश्वविद्यालयों का रास्ता साफ कर दिया है। भदोही स्थित काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को अब अपग्रेड कर ‘काशी नरेश विश्वविद्यालय’ बनाया जाएगा। इसके लिए राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा, शाहजहांपुर में मुमुक्षु आश्रम ट्रस्ट की इकाइयों को एकीकृत कर ‘स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय’ की स्थापना की जाएगी। वहीं, गोरखपुर में ‘उत्तर प्रदेश वानिकी एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालय’ की स्थापना के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई है।

मदरसा विधेयक वापसी और बजट प्रस्ताव

कैबिनेट ने मदरसा शिक्षा से जुड़े एक महत्वपूर्ण फैसले पर भी अपनी सहमति दी है। इसके तहत उत्तर प्रदेश मदरसा (अध्यापकों एवं अन्य कर्मचारियों के वेतन का भुगतान) विधेयक, 2016 को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अनुपूरक अनुदान एवं विनियोग विधेयक के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गई, जिसे अब विधानसभा में पेश किया गया है।

प्रयागराज और भदोही में बनेंगे नए पुल

इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने के लिए लोक निर्माण विभाग के दो बड़े प्रोजेक्ट्स पास किए गए हैं। प्रयागराज में गंगा नदी पर सलोरी-हेतापट्टी-झूंसी मार्ग को जोड़ने के लिए चार लेन का नया पुल बनाया जाएगा। यह फुटपाथ सहित सेगमेंटल बॉक्स गर्डर सेतु होगा। वहीं, भदोही में सीतामढ़ी (माता सीता समाहित स्थल) के पास गंगा नदी पर मौजूद पीपा पुल की जगह अब पक्का दीर्घ सेतु बनाया जाएगा। इसके लिए पहुंच मार्ग और सुरक्षात्मक कार्यों को भी स्वीकृति मिली है।

शहरी विकास और अन्य फैसले

वाराणसी और विंध्याचल क्षेत्र के विकास के लिए एक नए विकास प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत आजमगढ़ विकास प्राधिकरण को नए शहरों के विकास के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है। इसके अलावा, ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव पर रिवॉल्विंग बिल पेमेंट फैसिलिटी की ऋण सीमा 6,800 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 12,000 करोड़ रुपये कर दी गई है।

महिला कल्याण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए लखनऊ, नोएडा और गाजियाबाद में आठ कामकाजी महिला छात्रावासों के निर्माण के लिए भूमि नियमों में रियायत दी गई है। साथ ही वाराणसी में संत कबीर टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क योजना के तहत 75 एकड़ भूमि पर टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ‘उत्तर प्रदेश विशेषज्ञ चिकित्सक एवं चिकित्सा शिक्षक भर्ती बोर्ड’ के गठन का भी फैसला हुआ है।