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Sat, Dec 20, 2025

उत्तराखंड SDG रैंकिंग, चंपावत बना अव्वल, मुख्यमंत्री धामी की पहल पर विकास की कसौटी पर परखे जा रहे जिले

Written by:Banshika Sharma
Published:
उत्तराखंड में अब सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के आधार पर जिलों के काम का मूल्यांकन होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर शुरू हुई पहली मासिक रैंकिंग में चंपावत ने 96 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया है, जबकि बागेश्वर दूसरे और नैनीताल तीसरे स्थान पर रहे।
उत्तराखंड SDG रैंकिंग, चंपावत बना अव्वल, मुख्यमंत्री धामी की पहल पर विकास की कसौटी पर परखे जा रहे जिले

देहरादून: उत्तराखंड में विकास कार्यों को गति देने और जिलों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर एक नई व्यवस्था शुरू की गई है। अब राज्य के सभी जिलों के प्रदर्शन को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के संकेतकों के आधार पर परखा जाएगा और उनकी मासिक रैंकिंग जारी की जाएगी।

इस नई व्यवस्था के तहत जारी पहली मासिक रिपोर्ट में जनपद चंपावत ने 96 अंक हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री धामी ने विकास की इस दौड़ में बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों को बधाई दी है और पिछड़ रहे जिलों को सुधार के लिए प्रेरित किया है।

चंपावत नंबर वन, बागेश्वर और नैनीताल भी टॉप-3 में

नियोजन विभाग के तहत सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गुड गवर्नेंस (सीपीपीजीजी) द्वारा यह रैंकिंग तैयार की गई है। पहली रैंकिंग के लिए अप्रैल से अक्टूबर माह तक 11 सतत विकास लक्ष्यों के कुल 39 संकेतकों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया।

इस मूल्यांकन में चंपावत 96 अंकों के साथ शीर्ष पर रहा। वहीं, 94 अंक प्राप्त कर बागेश्वर ने दूसरा और 92 अंकों के साथ नैनीताल ने तीसरा स्थान हासिल किया। सीपीपीजीजी के विशेष कार्याधिकारी अमित पुनेठा ने बताया कि जिन जिलों का प्रदर्शन कमजोर रहा है, उनसे वित्तीय वर्ष के बचे हुए समय में लक्ष्यों को पूरा करने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में आवश्यकतानुसार नए संकेतकों को भी रैंकिंग का आधार बनाया जा सकता है।

राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की मजबूत पहचान

सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 में उत्तराखंड ने प्रथम स्थान प्राप्त कर अपनी प्रतिबद्धता साबित की थी। एसडीजी का उद्देश्य 2030 तक दुनिया से गरीबी, भुखमरी और असमानता को खत्म कर एक बेहतर भविष्य का निर्माण करना है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने 2015 में इन लक्ष्यों को अपनाया था।

“प्रदेश में सतत विकास के लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त करने के लिए एक प्रभावी एक्शन प्लान बनाया गया है। जिलों की पहली रैंंकिंग में प्रथम स्थान पर रहने वाले चंपावत जिले सहित अच्छा प्रदर्शन करने वाले अन्य जिलों को बधाई। सभी जिले बेहतर प्रदर्शन के लिए निरंतर प्रयासरत रहें। जिन लक्ष्यों व इंडिकेटरों में हमें सुधार की आवश्यकता है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाय।” — पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि इस रैंकिंग का मुख्य उद्देश्य राज्य के समग्र विकास की संकल्पना को साकार करना और आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाना है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्धारित लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं।