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Sat, Dec 20, 2025

सालों बाद एक साथ 3 बड़े राजयोग का संयोग, इन राशियों का बदलेगा भाग्य, पद-पैसा और प्रतिष्ठा के योग

Written by:Pooja Khodani
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ज्योतिष के मुताबिक, जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है।बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है।
सालों बाद एक साथ 3 बड़े राजयोग का संयोग, इन राशियों का बदलेगा भाग्य, पद-पैसा और प्रतिष्ठा के योग

सावन का महीना शुरू हो गया है । भगवान शिव की पूजा अर्चना अभिषेक लिए यह समय बहुत ही पवित्र माना जाता है। 14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ेगा। खास बात ये है कि इस बार सावन महीने में 3 बड़े राजयोग बनेंगे, जो ग्रहों के राजकुमार बुध, ग्रहों के राजा सूर्य, दैत्यों के गुरू शुक्र और देवताओं के गुरू बृहस्पति मिलकर बनाएंगे।

ज्योतिष के मुताबिक, 16 जुलाई को सूर्य बुध की कर्क राशि में युति से बुधादित्य राजयोग, 26 जुलाई को गुरु शुक्र की मिथुन राशि में युति से गजलक्ष्मी राजयोग और शुक्र के स्वराशि वृषभ में विराजमान रहने से मालव्य राजयोग का निर्माण होगा जो 3 राशियों के लिए बेहद लकी साबित हो सकता है। 500 साल बाद यह पहला मौका होगा जब ये सभी ग्रह मिलकर 3 शुभ राजयोग बनाएंगे।

कुंडली में कब बनते मालव्य/बुधादित्य/गजलक्ष्मी राजयोग

  • मालव्य राजयोग शुक्र से संबंधित है, जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में वृष, तुला अथवा मीन राशि में स्थित है तो कुंडली में मालव्य राजयोग बनता है। अगर शुक्र ग्रह पर सूर्य या गुरु की दृष्टि पड़ रही है तो इस राजयोग का फल व्यक्ति को कम प्रदान होगा। क्योंकि सूर्य और गुरु का शुक्र के साथ शत्रुता का भाव है।
  • वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है।बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
  • ज्योतिष के मुताबिक, ‘गजलक्ष्मी’ शब्द धन, संपन्नता के साथ परम सौभाग्य और राजयोग पावर के साथ अधिकार मिलने का प्रतीक है।जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में 1, 4, 7 या 10वें घर में गुरु, शुक्र या चंद्रमा हों, तो गजलक्ष्मी राजयोग बनता है या जब देवताओं के गुरु बृहस्पति और ऐश्वर्य-वैभव के कारक शुक्र एक दूसरे के आमने-सामने या केंद्र भाव में हो, वे पहले, चौथे और सातवें भाव में हों तो गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण होता है।

3 राजयोग 3 राशियों के लिए लकी

धनु राशि: सावन में 3 राजयोग का संयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा।अविवाहित के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। जीवनसाथी की तरक्की हो सकती है।  नौकरीपेशा को नई नौकरी के  अवसर मिल सकते है।करियर उन्नति मिल सकती है।पुरानी बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। सेहत में सुधार आएगा। माता पिता का सहयोग मिलेगा।

मिथुन राशि: 3 राजयोग का बनना जातकों के लिए लाभप्रद सिद्ध हो सकता है।  आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।  देश- विदेश की यात्रा पर जा सकते हैं। नौकरी में नए अवसर मिल सकते है। धन संचित करने में सफल होंगे। इस अवधि में मकान या वाहन आदि खरीद सकते हैं। समाज में मान सम्मान व प्रतिष्ठा  बढ़ सकती है।

कर्क राशि :तीन राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी सिद्ध हो सकता है। कारोबार व करियर में तरक्की मिल सकती है।  करियर , शिक्षा और वैवाहिक जीवन में कई शुभ परिणाम मिलेंगे। रिश्ते में मधुरता बढ़ेगी और दूरियां खत्म होंगी।धैर्य रखें। अटके रूके कामों को गति मिल सकती है।सोची हुई योजनाएं सफल होंगी। समाज में मान- सम्मान की प्राप्ति होगी।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)