MALAVYA RAJYOG 2026 : नए साल 2026 में सूर्य, बुध, गुरू, शुक्र और मंगल जैसे बड़े ग्रहों का महागोचर होने वाला है। इसमें सबसे अहम गोचर दैत्यों के गुरू शुक्र का होने वाला है। 2026 में प्रेम, सौंदर्य और सुख के कारक शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में प्रवेश करने वाले है जिससे मालव्य राजयोग बनेगा। ज्योतिष के अनुसार शुक्र वृषभ व तुला राशि के स्वामी है। वे कन्या राशि में नीच और मीन में उच्च माने जाते है। ज्योतिषीय पंचांग के अनुसार वर्तमान में शुक्र देवगुरू बृहस्पति की राशि धनु में विराजमान है। 2 मार्च 2026 को शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में प्रवेश करेंगे और मालव्य राजयोग बनेगा, जिसका प्रभाव 26 मार्च तक बना रहेगा। यह राजयोग 3 राशियों के लिए लकी साबित होने वाला है। आइए जानते है कौन कौन सी है वो भाग्यशाली राशियां….
मीन राशि का प्रभाव : साल 2026 में शुक्र का अपनी उच्च राशि में गोचर और मालव्य राजयोग का बनना जातकों को विशेष लाभ दिला सकता है। नौकरीपेशा को नई जिम्मेदारियाँ मिल सकती हैं। व्यक्तित्व में निखार आएगा। समाज में मान- सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आर्थिक स्थिति धीरे धीरे मजबूत होगी। शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा ।अविवाहितों के लिए इस अवधि में विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। अगर पार्टनरशिप में कोई व्यापार कर रहे है तो भविष्य में लाभ मिल सकता है।
वृषभ राशि पर प्रभाव: शुक्र का अपनी उच्च राशि में गोचर और मालव्य राजयोग बनना जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। निवेश या लॉटरी से लाभ मिलने की संभावना है। मान-सम्मान और यश में वृद्धि होगी। आय में वृद्धि हो सकती है। इसी के साथ आय के नए- नए स्त्रोत से धन कमाने का अवसर मिल सकते हैं। लंबे समय से पुराना अटका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। व्यापारियों के लिए समय अनुकूल रहेगा, नई डील मिल सकती है, धनलाभ के भी प्रबल योग बनेंगे।
धनु राशि पर प्रभाव: नए साल 2026 में शुक्र का उच्च राशि मीन में प्रवेश करना और मालव्य राजयोग का बनना जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। भाग्य के साथ परिवार का पूरा साथ मिलेगा। लंबे समय से रुके और अटके हुए काम पूरे होंगे। पिता माता और ससुराल वालों के साथ संबंध मजबूत होंगे। भौतिक सुख- सुविधाओं में वृद्धि हो सकती है।इस दौरन कोई वाहन और प्रापर्टी खरीद सकते है। रियल स्टेट, प्रापर्टी और जमीन- जायदाद से जुड़े कारोबार वालों को विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है।
मालव्य राजयोग : ज्योतिष के अनुसार, यह राजयोग शुक्र से संबंधित है, जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में वृष, तुला अथवा मीन राशि में स्थित है तो कुंडली में मालव्य राजयोग बनता है। सूर्य या गुरु की दृष्टि होने पर इस योग का प्रभाव कम माना जाता है। शुक्र को धन, ऐश्वर्य, सौंदर्य, प्रेम, सुख-सुविधा और विलासिता का कारक माना जाता है ऐसे में शुक्र के मजबूत रहने पर व्यक्ति के जीवन में भौतिक सुखों में वृद्धि होती है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की पुष्टि नहीं करता हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





