Sun, Dec 28, 2025

“मध्यप्रदेश में हर किसान पर 1.84 लाख रुपये का कर्ज़, MSP न मिलने से बढ़े किसानों की आत्महत्या के मामले” उमंग सिंघार ने सरकार को घेरा

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
नेता प्रतिपक्ष किसानों की आर्थिक स्थिति को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की पूरी खरीद न होने के कारण किसान बाजार में कम दाम पर उपज बेचने को मजबूर हैं, जिससे उनकी आय घट रही है और कर्ज लगातार बढ़ रहा है। सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि किसानों पर 1.69 लाख करोड़ का कर्ज हो गया है और सरकार कोई कारगर कदम नहीं उठा रही है।
“मध्यप्रदेश में हर किसान पर 1.84 लाख रुपये का कर्ज़, MSP न मिलने से बढ़े किसानों की आत्महत्या के मामले” उमंग सिंघार ने सरकार को घेरा

Umang Singhar

उमंग सिंघार ने प्रदेश में किसानों की बदहाल स्थिति का आरोप लगाते हुए सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूरी खरीद न होने के कारण किसान बाजार में कम दाम पर फसल बेचने को मजबूर हैं, जिससे उनकी आय घट रही है और कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि “हाल ही में प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा किसानों की आत्महत्या की खबरें सामने आईं, जिनकी मुख्य वजह कर्ज़ का बोझ और फसल के नुकसान का मुआवजा न मिलना था।”

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछले छह महीनों में ही मध्यप्रदेश के किसानों पर कर्ज़ में 6,909 करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि दो दशक से अधिक समय से सत्ता में रही भाजपा सरकार किसानों को उनकी फसलों का पूरा समर्थन मूल्य नहीं दिला सकी, जिसके चलते किसान कर्ज के जाल में फंसते चले गए।

उमंग सिंघार ने किसानों के मुद्दे पर बीजेपी को घेरा

उमंग सिंघार ने राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति को लेकर केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की पूरी खरीद न होने के कारण किसान बाजार में कम दाम पर अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं, जिससे उनकी आय घट रही है और कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि हाल के महीनों में प्रदेश में एक दर्जन से अधिक किसानों की आत्महत्या की खबरें सामने आई हैं, जिनकी प्रमुख वजह कर्ज का दबाव और फसल नुकसान का मुआवजा नही मिलना है।

सरकारी आंकड़ों के हवाले से बताई किसानों की स्थिति

नेता प्रतिपक्ष ने संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि “मध्य प्रदेश के 92.49 लाख किसानों पर कुल 1.69 लाख करोड़ का बकाया कृषि ऋण हो चुका है। यह औसतन प्रति किसान लगभग 1.84 लाख बैठता है। यह कर्ज हर साल 10 से 12 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 30 जून 2023 को यह कर्ज ₹1.08 लाख करोड़ था, जो महज दो वर्षों में बढ़कर ₹1.69 लाख करोड़ पहुंच गया, जिससे मध्य प्रदेश देश के सर्वाधिक कर्जग्रस्त राज्यों में शामिल हो गया है।”

सरकार से की मांग 

उमंग सिंघार ने कहा कि समर्थन मूल्य न मिलने से किसान की आय इतनी कम हो जाती है कि खाद, बीज, मजदूरी और बुआई जैसे बुनियादी खर्च भी पूरे नहीं हो पाते, जिससे नया कर्ज लेने की मजबूरी बढ़ती है और बढ़ते कर्ज के कारण ही किसान आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा है कि किसानों को कर्ज और आत्महत्या के इस दुष्चक्र से बाहर निकालने के लिए MSP की प्रभावी और कानूनी गारंटी अनिवार्य है। उन्होंने मांग की है कि भाजपा सरकार किसानों की गंभीर स्थिति को समझते हुए इस दिशा में ठोस और तत्काल कदम उठाए।