Tue, Dec 30, 2025

3 राशियों की किस्मत बदलेगा नीचभंग राजयोग! आय में वृद्धि, नौकरी-व्यापार में तरक्की, निवेश से लाभ के योग

Written by:Pooja Khodani
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ज्योतिष के मुताबिक,यदि किसी कुंडली में एक उच्च ग्रह के साथ एक नीच ग्रह रखा जाता है, तो कुंडली में नीचभंग राजयोग बनता है ।
3 राशियों की किस्मत बदलेगा नीचभंग राजयोग! आय में वृद्धि, नौकरी-व्यापार में तरक्की, निवेश से लाभ के योग

Neech bhang Rajyog : वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों, कुंडली और नक्षत्रों का विशेष महत्व माना जाता है ।हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि बदलते है।  नौ ग्रहों में बुध को ग्रहों का राजकुमार माना जाता है। बुध बुद्धि, वाणी और व्यापार के कारक माने जाते है। बुध कन्या राशि में उच्च और मीन राशि में नीच ग्रह के होते है।

वर्तमान में बुध धनु राशि में विराजमान है और फरवरी में अपनी नीच राशि मीन में प्रवेश करेंगे, ऐसे में नीचभंग राजयोग का निर्माण होगा, जो 3 राशियों के लिए लकी साबित हो सकता है।आईए जानते है कौन कौन सी है वो राशियां……..

नीचभंग राजयोग: 3 राशियों के लिए लकी साबित होगा 

मीन राशि: बुध गोचर और नीचभंग राजयोग जातकों के लिए शुभ फलदायी सिद्ध हो सकता है। किस्मत का साथ मिल सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है।व्यापार में वृद्धि होगी और नए पार्टनरशिप के अवसर मिलेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।

मेष राशि: बुध गोचर और फरवरी में बनने वाला नीचभंग राजयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। भाग्य का साथ मिलेगा। काम- कारोबार में तरक्की मिल सकती है। शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में निवेश से फायदा मिल सकता है। आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है। आय में वृद्धि होगी, नए नए स्त्रोत खुलेंगे। व्यापार में वृद्धि के साथ पार्टनरशिप के से भी फायदा मिल सकता है।

वृषभ राशि : नीचभंग राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। आय में वृद्धि के योग बनेंगे। करियर में उन्नति मिलेगी।नौकरीपेशा को इंक्रीमेंट के साथ पदोन्नति का तोहफा मिल सकता है। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। निवेश से लाभ होगा। शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में निवेश के लिए समय अनुकूल है।बिजनेस में मुनाफा हासिल हो सकता है।

कब बनता है कुंडली में नीचभंग राजयोग

  • यदि किसी कुंडली में एक उच्च ग्रह के साथ एक नीच ग्रह रखा जाता है, तो कुंडली में नीचभंग राजयोग बनता है ।
  • कोई ग्रह अपनी नीच राशि में बैठा हो और उस राशि का स्वामी लग्न भाव या चंद्रमा से केंद्र स्थान में हो तो कुंडली में नीचभंग योग बनता है ।
  • कोई ग्रह अपनी नीच राशि में हो और उस राशि में उच्च होने वाला ग्रह चंद्रमा से केंद्र स्थान में हो तो योग बनता है ।
  • किसी ग्रह की नीच राशि का स्वामी और उसकी उच्च राशि का स्वामी परस्पर केंद्र स्थान में हो तो राजयोग बनता है।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)