Ruchak Rajyog 2026: ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों, नक्षत्रों, कुंडली और राशियों का बड़ा महत्व माना जाता है। हर एक ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि बदलता है जिससे शुभ योग और राजयोग का निर्माण होता है। इसी क्रम में नए साल के पहले महीने जनवरी में ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह रूचक राजयोग बनाने जा रहे हैं। वर्तमान में साहस, शक्ति और ऊर्जा के कारक मंगल धनु ( गुरू की राशि) में विराजमान है। 16 जनवरी 2026 को मंगल अपनी उच्च राशि मकर में गोचर करेंगे और 23 फरवरी तक यही रहेंगे। मंगल के अपनी उच्च राशि में जाने से रूचक राजयोग बनेगा। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बहुत ही शुभ और विशेष माना जाता है, इसके बनने से सुख-समृद्धि और धन लाभ की प्राप्ति होती है। इस राजयोग का वैसे तो सभी राशियों पर अलग अलग प्रभाव पड़ेगा लेकिन 3 राशियों के लिए यह बेहद शुभ व लकी साबित होने वाला हैं।आइए जानते हैं इन लकी राशियों के बारे में…
वृश्चिक राशि पर प्रभाव : मंगल गोचर और रूचक राजयोग जातकों के लिए बेहद शुभ सिद्ध हो सकता है। पार्टनरशिप के काम में लाभ हो सकता है। व्यापारियों के समय उत्तम रहेगा। आत्मविश्वास, साहस और पराक्रम में वृद्धि देखने को मिलेगी। जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में सफलता मिल सकती है। समाज में मान-सम्मान बढ़ सकता है। जीवन में खुशियों का आगमन होगा। मानसिक शांति मिलेगी।
मकर राशि पर प्रभाव : मंगल का गोचर और रूचक राजयोग जातकों के लिए अनुकूल साबित हो सकता है। जीवन में सकारात्मक परिणाम मिल सकते है। आत्मविश्वास के साथ साहस और पराक्रम बढ़ेगा। अविवाहित लोगों के लिए इस दौरान विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं। पुलिस, सेना और मेडिकल से जुड़े लोगों को नौकरी में लाभ मिल सकता है। लंबे समय से रुके और अटके हुए कामों में सफलता मिल सकती है। यात्रा के योग बनेंगे। नई संपत्ति खरीदने या निर्माण कार्य करने के लिए यह उत्तम समय रहेगा।
मेष राशि पर प्रभाव : मंगल का गोचर और रूचक राजयोग जातकों के लिए वरदान से कम सिद्ध नहीं होगा । परिवार के किस्मत का साथ मिलेगा। इंजीनियर, डॉक्टर और मेडिकल के क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस अवधि में लाभ मिल सकता है। करियर और कारोबार के लिहाज से समय अनुकूल रहेगा। बेरोजगारों को नई नौकरी के अवसर मिल सकते है। व्यापार में धनलाभ के साथ कोई बड़ी डील मिल सकती है।
कुंडली में कब बनता है रूचक राजयोग
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, रूचक पंच महापुरुष योग मंगल ग्रह द्वारा बनता है। जब जन्मकुंडली के केंद्र स्थान में मंगल अपनी उच्च राशि मकर अथवा अपनी मूल त्रिकोण राशि मेष या फिर अपनी स्वराशि वृश्चिक में विराजमान होते है, तो रूचक राजयोग का निर्माण होता है। इसके साथ ही मंगल ग्रह लग्न से केंद्र में रहकर मकर और वृश्चिक में हो तब पंच महापुरुष योग का निर्माण होता है। इस राजयोग से साहस, दौलत-शौहरत में वृद्धि होती है। जिस व्यक्ति की कुंडली में यह राजयोग होता है, वह व्यक्ति राजाओं जैसी जीवनशैली जीता है, उसको धन, संपत्ति और सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP Breaking News किसी भी ज्योतिषीय दावे या भविष्यवाणी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





