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Wed, Dec 17, 2025

बगैर डिग्री के मास्टर साहब बन गए डॉक्टर, क्लिनिक खोलकर कर रहे थे इलाज, कलेक्टर ने किया निलंबित

Written by:Atul Saxena
Published:
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्राथमिक शिक्षक रघुनाथ फौजदार की कथित क्लिनिक पर छापा मारा तो वो बिना किसी वैध डॉक्टरी डिग्री और पंजीयन के मरीजों का इलाज करते हुए पकड़ा गया। जांच टीम को मौके से एलोपैथिक दवाइयां, बायो मेडिकल वेस्ट, इंजेक्शन के वायल और उपचार में उपयोग होने वाले कई उपकरण मिले।
बगैर डिग्री के मास्टर साहब बन गए डॉक्टर, क्लिनिक खोलकर कर रहे थे इलाज, कलेक्टर ने किया निलंबित

मध्य प्रदेश में शिक्षक आपको कई भूमिका में दिखाई दे जायेंगे, शासन स्तर पर वे अलग अलग जिम्मेदारी निभाते हैं शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में शामिल रहते हैं लेकिन एक शिक्षक अपनी मर्जी से एक ऐसी भूमिका निभा रहा था जो जानलेवा भी हो सकती थी जिसकी सजा उसे मिली है, कलेक्टर ने उसे निलंबित कर दिया है।

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक प्राइमरी शिक्षक बाकायदा एक डॉक्टर की तरह क्लिनिक खोलकर बिनी किसी डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहा था, शिकायत के बाद इसकी जाँच की गई,जब उसकी कथित क्लिनिक पर स्वास्थ्य विभाग ने छापा मारा तो एलोपैथिक दवाएं और इंजेक्शन, वायल किए मिले जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया है।

प्राइमरी टीचर कर रहा था डॉक्टरी, निलंबित 

बैतूल कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने घोड़ाडोंगरी विकासखंड की प्राथमिक शाला कुण्डीखेड़ा में पदस्थ प्राथमिक शिक्षक रघुनाथ फौजदार को निलंबित कर दिया है। ये कार्रवाई  जिले के CMHO (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर की गई है।

डॉक्टर की डिग्री नहीं फिर भी कर रहा था इलाज 

जानकारी के अनुसार शिक्षक ने खुद को डॉक्टर घोषित कर रखा था और लोग उससे अपना इलाज करवाते थे , उसने बाकायदा क्लिनिक भी खोल रखी थी, शिक्षक के इस अवैध कारनामे की जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक पहुंची जिसके बाद सीएमएचओ ने जाँच टीम बनाई और 8 नवंबर 2025 को प्राथमिक शिक्षक रघुनाथ फौजदार की कथित क्लिनिक पर छापा मारा तो वो बिना किसी वैध डॉक्टरी डिग्री और पंजीयन के अवैधानिक रूप से मरीजों का उपचार करते हुए पकड़ा गया।

छापे में मिलीं एलोपैथिक दवाएं, इंजेक्शन, वायल 

जांच टीम को मौके से एलोपैथिक दवाइयां, बायो मेडिकल वेस्ट, इंजेक्शन के वायल और उपचार में उपयोग होने वाले कई उपकरण मिले। ये देखकर स्वास्थ्य विभाग की टीम चौंक गई, उसकी इसकी रिपोर्ट बनाई और विभाग को सौंप दी, रिपोर्ट के बाद सीएमएचओ ने जाँच प्रतिवेदन कलेक्टर के पास भेजा

CMHO के प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने किया निलंबित 

कलेक्टर ने सीएमएचओ के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्राथमिक शिक्षक रघुनाथ फौजदार को निलंबित कर दिया, कलेक्टर के निलंबन आदेश में कहा गया की शिक्षक का यह कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत होते हुए कदाचार की श्रेणी में आता है। इसी आधार पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत प्राथमिक शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।