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Sun, Dec 21, 2025

कूनो राष्ट्रीय उद्यान में आज खुले जंगल में छोड़े जाएंगे मादा चीता ज्वाला और उसके 4 शावक, अब कुल 12 चीते करेंगे खुले में विचरण

Written by:Shruty Kushwaha
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बता दें कि इससे पहले इससे पहले 4 दिसंबर 2024 को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस के अवसर पर दो नर चीता अग्नि और वायु को बड़े बाड़े से खुले जंगल में छोड़ा गया था। अब एक बार फिर एक वयस्क चीता और चार शावकों को खुले जंगल में छोड़ा जा रहा है। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने दी है।
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में आज खुले जंगल में छोड़े जाएंगे मादा चीता ज्वाला और उसके 4 शावक, अब कुल 12 चीते करेंगे खुले में विचरण

International Cheetah Day

Jwala and her four cubs to be released into Kuno open forest : कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता पुनर्स्थापन परियोजना के तहत एक और बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया है कि नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला और उसके हाल ही में जन्मे चार शावकों (दो नर और दो मादा) को आज खजूरी टूरिज्म क्षेत्र के खुले जंगल में छोड़ा जाएगा।

कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पहले से ही सात चीते खुले जंगल में विचरण कर रहे हैं। आज पांच और चीते स्वच्छंद वन्य जीवन का आनंद लेंगे, जिससे कुल खुले घूमने वाले चीतों की संख्या 12 हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बाद इस क्षेत्र में पर्यटकों की रुचि और रोमांच और बढ़ेगा।

मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावक खुले जंगल में छोड़े जाएंगे

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि ‘कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता संवर्द्धन की ओर एक और बड़ा कदम! नामीबिया से कूनो लाई मादा चीता ज्वाला और हाल ही में जन्मे उसके चार शावकों (दो नर और दो मादा शावक) को आज खजूरी टूरिज्म क्षेत्र अंतर्गत खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पहले से 7 चीते खुले में विचरण कर रहे है और अब 5 चीते छोड़े जाने से कुल 12 चीते खुले जंगल में स्वच्छंद विचरण करेंगे जिससे निश्चित ही इस क्षेत्र में पर्यटकों का रोमांच और अधिक बढ़ेगा। यह कदम हमारी जैव विविधता को समृद्ध करने के साथ ही भारत में चीता पुनर्स्थापन के संकल्प को और मजबूती प्रदान करेगा।’

चीता पुनर्स्थापन परियोजना का महत्व

विशेषज्ञों का मानना है कि चीतों की संख्या बढ़ने से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ पहुंचेगा। वन विभाग और राज्य सरकार इस ऐतिहासिक कदम को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। भारत में चीतों को फिर से बसाने की यह परियोजना न सिर्फ विलुप्त प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, बल्कि इससे इकोलॉजिकल बैलेंस बनाए रखने में भी सहायता मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इन चीतों की सफलता से भविष्य में अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में भी इस तरह की पहल की जा सकती है।