मध्यप्रदेश में किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर खरीदे जाने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। जबलपुर स्थित हाईकोर्ट की एकलपीठ ने इस मामले में राज्य शासन और मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इसे लेकर अब कांग्रेस सरकार पर हमलावर है।
इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि एक बार फिर सरकार का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी किसानों का हित नहीं बल्कि उनका शोषण करना चाहती है। एक तरफ वो फसलों का एमएसपी घोषित तो कर देती है लेकिन मंडियों में फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकती नहीं है। इसे कांग्रेस ने बीजेपी की सोची समझी साजिश करार दिया है।
हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश में किसानों की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दर पर खरीदी के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि सरकार MSP की गारंटी क्यों नहीं सुनिश्चित कर रही है और क्यों किसान अपनी फसल कम दाम पर बेचने को विवश हो रहे हैं। इसे लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड से जवाब मांगा है।
उमंग सिंघार ने बीजेपी पर लगाया किसान विरोधी होने का आरोप
इसे लेकर उमंग सिंघार ने भाजपा सरकार पर किसानों के शोषण का आरोप लगाया है और कहा है कि बीजेपी सरकार की मानसिकता किसान विरोधी है। उन्होंने कहा कि सरकार MSP घोषित तो करती है, लेकिन मंडियों में फसलें इससे काफी कम दाम पर बिक रही हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये लापरवाही नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा किसानों का हित नहीं, बल्कि उनका शोषण चाहती है और ये बात अब प्रदेश के किसान भी समझ गए हैं। उमंग सिंघार ने कहा कि ‘जब हाई कोर्ट को सख़्ती दिखानी पड़े, तो समझ लीजिए सरकार पूरी तरह नाकाम हो चुकी है।’ उन्होंने कहा है कि किसान खेत में पसीना बहाए, और सरकार बिचौलियों-माफियाओं को फायदा पहुंचाए यह अन्याय अब नहीं चलेगा।





