Sun, Dec 28, 2025

छतरपुर जिला जेल में बंदी की आत्महत्या के बाद शासन का एक्शन, दो प्रहरी निलंबित, उप जेल अधीक्षक को हटाया

Reported by:Saurabh Shukla|Edited by:Atul Saxena
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सतना जेल अधीक्षक लीना कोष्टा ने जानकारी देते हुए बताया कि छतरपुर में हुई आत्महत्या के मामले में जाँच के बाद प्रथम दृष्टया सुरक्षा में चूक के दोषी दो प्रहरियों को निलंबित कर दिया गया है और उप जेल अधीक्षक (जेलर) दिलीप सिंह जाटव वहां से हटाकर रीवा जेल अटैच कर दिया गया है।
छतरपुर जिला जेल में बंदी की आत्महत्या के बाद शासन का एक्शन, दो प्रहरी निलंबित, उप जेल अधीक्षक को हटाया

Chhatarpur District Jail

छतरपुर जिला जेल में गुरुवार को एक बंदी द्वारा छत से कूदकर आत्महत्या करने के बाद शासन ने बड़ा एक्शन लिया है, घटना के बाद सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले दो प्रहरियों को तत्कालप्रभाव से निलंबित कर दिया गया है वहीं उप जेल अधीक्षक (जेलर) दिलीप सिंह जाटव को हटा दिया गया है उनकी जगह रीवा सेंट्रल जेल में पदस्थ उप जेल अधीक्षक योगेंद्र पमार को पदस्थ किया है।

जिला जेल छतरपुर में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया जब अदालत द्वारा सजा मिलने के 24 घंटे बाद 22 वर्षीय कैदी ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक को महज एक दिन पहले ही अदालत ने दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के मामले में 20 साल की सजा सुनाई थी। जेल प्रशासन का दावा है कि मृतक ने जेल की छत से कूदकर आत्महत्या की है।

पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार, अदालत ने सुनाई 20 साल की सजा

जानकारी के अनुसार गढ़ीमलहरा थाना क्षेत्र के ग्राम उर्दमऊ निवासी शंकर प्रजापति उम्र 22 वर्ष पिछले तीन वर्षों से विचाराधीन बंदी के रूप में जिला जेल में बंद था। बुधवार को जिला न्यायालय ने उसे 376 पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा सुनाई थी। सजा के अगले ही दिन गुरुवार को शंकर ने जेल की बैरक नंबर 4 के पास स्थित छत से छलांग लगा दी। गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इस अपराध में अदालत ने सुनाई थी सजा

बता दें वर्ष 2022 में शंकर प्रजापति पर गाँव की ही एक 12 वर्षीय नाबालिग को भगा ले जाने और दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। पुलिस ने तब शंकर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। लड़की के पिता की शिकायत पर दो युवकों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए थे। जहाँ शंकर को सजा मिल चुकी थी, वहीं दूसरे आरोपी राहुल यादव को भी इसी दिसंबर माह में जेल भेजा गया है।

प्रशासनिक और मजिस्ट्रियल जांच शुरू

कैदी की आत्महत्या की खबर मिलते ही अपर कलेक्टर मिलिंद नागदेवे जिला जेल पहुँचे और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। जेल प्रशासन और पुलिस विभाग ने इस बात की बारीकी से जाँच की कि सुरक्षा में चूक कहाँ हुई और कैदी छत तक पहुँचने में कैसे सफल रहा। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

दो प्रहरी निलंबित, उप जेल अधीक्षक रीवा अटैच

इस घटना के बारे में सतना जेल अधीक्षक लीना कोष्टा ने जानकारी देते हुए बताया कि छतरपुर में हुई आत्महत्या के मामले में जाँच के बाद प्रथम दृष्टया सुरक्षा में चूक के दोषी दो प्रहरियों को निलंबित कर दिया गया है और उप जेल अधीक्षक (जेलर) दिलीप सिंह जाटव वहां से हटाकर रीवा जेल अटैच कर दिया गया है वहीँ रीवा में पदस्थ उप जेल अधीक्षक योगेंद्र पमार को छतरपुर जेल की जिम्मेदारी दी गई है ।

एक सप्ताह में तीन घटनाएं, जेल प्रशासन सवालों के घेरे में

उल्लेखनीय है कि बीते एक सप्ताह में छतरपुर जिला जेल में लगातार तीन गंभीर घटनाएं सामने आई हैं। पहली घटना में एक बंदी ने दूसरे बंदी पर जानलेवा हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसका इलाज जारी है। इसके बाद महिला जेल प्रहरी पुष्पा अहिरवार का कैदियों के परिजनों से रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हुआ, जिसके चलते उन्हें सतना अटैच कर दिया गया। वहीं तीसरी घटना में जेल में बंद कैदी शंकर प्रजापति ने आत्महत्या कर ली। लगातार हो रही इन घटनाओं के बाद जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे थे, जिसके बीच यह प्रशासनिक कार्रवाई की गई है।

 

सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट