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Wed, Dec 17, 2025

बिहार में बड़ा ‘विवाद’! जीतन राम मांझी की ‘हम’ पार्टी में बगावत, उन्हीं की पार्टी की जिला पार्षद बहू के खिलाफ चुनाव में उतरेंगी।

Written by:Deepak Kumar
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बिहार में बड़ा ‘विवाद’! जीतन राम मांझी की ‘हम’ पार्टी में बगावत, उन्हीं की पार्टी की जिला पार्षद बहू के खिलाफ चुनाव में उतरेंगी।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आते ही टिकट बंटवारे को लेकर सियासी दलों में खींचतान तेज हो गई है। इस बार हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) [हम] में ही बगावत के सुर तेज हो गए हैं। पार्टी के भीतर आपसी मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं, खासकर गया जिले की इमामगंज विधानसभा सीट पर।


पार्वती देवी ने दीपा मांझी के खिलाफ ठोकी दावेदारी

इमामगंज प्रखंड की जिला पार्षद सदस्य और ‘हम’ पार्टी की नेता पार्वती देवी ने ऐलान कर दिया है कि वे 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं। फिलहाल यह सीट पार्टी सुप्रीमो जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी के पास है। पार्वती देवी ने साफ चेतावनी दी है कि अगर पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरेंगी और दीपा मांझी को सीधी चुनौती देंगी।


नंदलाल मांझी की छुट्टी, बढ़ी अंदरूनी खींचतान

पार्टी में पहले से ही असंतोष का माहौल है। प्रदेश महासचिव नंदलाल मांझी को हाल ही में ‘हम’ पार्टी से हटा दिया गया है, जिससे असंतोष और गहराया है। पार्वती देवी का कहना है कि उन्होंने पार्टी के लिए लगातार काम किया है और अब उनकी उम्मीदवारी को नजरअंदाज करना उचित नहीं होगा।


संतोष सुमन का बयान – लोकतंत्र में सबको अधिकार

इस पूरे घटनाक्रम पर ‘हम’ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के लघु जल संसाधन मंत्री संतोष सुमन ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में सबको अपनी इच्छा जाहिर करने का अधिकार है। अगर कोई व्यक्ति चुनाव लड़ना चाहता है, तो वह लड़ सकता है। यह जरूरी नहीं है कि सभी लोग हमारे साथ ही रहें। किसी को विधायक पसंद नहीं है, किसी को पार्टी पसंद नहीं है तो यह उनका स्वतंत्र विचार है।”


विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ेगा घमासान

इमामगंज सीट को लेकर खींचतान आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। पार्वती देवी का खुला ऐलान और पार्टी के भीतर गुटबाजी इस बात की ओर इशारा करती है कि टिकट बंटवारे में ‘हम’ पार्टी को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। अब देखना होगा कि जीतन राम मांझी इस सियासी उथल-पुथल को कैसे संभालते हैं।