बिहार की सियासत में बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने गुरुवार को बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि बिहार बंद के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने शिक्षिकाओं, छात्राओं, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किया। उन्होंने इसे शर्मनाक करार दिया। इस बयान पर अब केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि आरजेडी और इंडी गठबंधन के नेताओं को साफ दिखने लगा है कि 2025 के चुनाव में जनता उन्हें नकार देगी। इसी निराशा में वे बेतुकी बयानबाजी कर रहे हैं और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
लालू यादव ने क्या आरोप लगाए?
लालू प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार बंद के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राह चलती महिलाओं और पत्रकारों के साथ अभद्रता की। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि शिक्षिकाओं और गर्भवती महिलाओं तक को नहीं छोड़ा गया। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक और लोकतंत्र विरोधी रवैया है।
नित्यानंद राय का पलटवार
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने लालू यादव के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने कहा कि लालू, तेजस्वी, राहुल गांधी और इंडी गठबंधन के नेता जानते हैं कि 2025 में उनकी हार तय है। ऐसे में वे बेतुके बयान दे रहे हैं ताकि जनता का ध्यान भटकाया जा सके।
विकास बनाम लालटेन युग
नित्यानंद राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकासशील से विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है। लेकिन आरजेडी और उसके सहयोगी अब भी लालटेन युग की सोच में जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता परिवारवाद, अपराध, भ्रष्टाचार और जातिवाद की राजनीति को नकार चुकी है और अब विकास में विश्वास करती है।
बिहार बंद का विवाद
दरअसल, दरभंगा में महागठबंधन के मंच से प्रधानमंत्री मोदी की मां को लेकर अपशब्द कहे गए थे। इसके विरोध में एनडीए महिला मोर्चा ने बिहार बंद का आह्वान किया। इसी दौरान कुछ तस्वीरें वायरल हुईं जिनमें बीजेपी कार्यकर्ताओं पर जबरन बंद कराने के आरोप लगे। लालू ने इन्हीं घटनाओं को आधार बनाकर बीजेपी पर निशाना साधा।





