Tue, Dec 23, 2025

172 साल पहले आज ही के दिन शुरू हुआ था भारतीय रेलवे का सफर, 3 इंजनों से खींची गई थी 14 डब्बों की ट्रेन, मिली थी 21 तोपों की सलामी

Written by:Diksha Bhanupriy
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भारतीय रेलवे एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। 172 साल पहले आज ही के दिन भारतीय रेल का यह सफल शुरू हुआ था।
172 साल पहले आज ही के दिन शुरू हुआ था भारतीय रेलवे का सफर, 3 इंजनों से खींची गई थी 14 डब्बों की ट्रेन, मिली थी 21 तोपों की सलामी

हम सभी लोगों को अपने खास लोगों के बर्थडे तो याद रहते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज इंडियन रेलवे का बर्थडे है। जी हां, भारत में आवागमन के सबसे प्रमुख साधनों में से एक रेल आज ही के दिन भारत में पहली बार चलाई गई थी। देखते ही देखे इसका नेटवर्क इतना बढ़ता चला गया कि आज इसे केवल देश ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बड़े आवागमन के साधनों में से एक कहा जाता है।

आज हम जहां वंदे भारत एक्सप्रेस, राजधानी और शताब्दी जैसी फर्राटेदार ट्रेनों में सफर करते हैं। वहीं एक समय ऐसा था जब ट्रेन के 14 डब्बों को खींचने के लिए तीन इंजन का सहारा लिया गया था। 34 किलोमीटर की दूरी तय करने में इस ट्रेन को सवा घंटे का समय लगा था। यही कारण है कि इस खास दिन को भारतीय रेलवे परिवहन दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

172 साल पहले चली थी पहली रेल

आज से 172 साल पहले 16 अप्रैल 1853 को भारत में पहली बार रेलगाड़ी चलाई गई थी। यह मुंबई के बोरी बंदर से ठाणे के बीच चली थी। 34 किलोमीटर के फासले को ट्रेन ने सवा घंटे में तय किया था। इसे खींचने में तीन भाप के इंजन लगाए गए थे जिनका नाम सिंध, साहिब और सुल्तान था।

400 यात्रियों ने किया था सफर

1853 में इस रेल का भव्य उद्घाटन किया गया था। उस समय 400 यात्रियों ने इसमें सफर किया था। यह सभी जाने पहचाने नाम थे जिन्हें पहली बार चलाई जा रही ट्रेन में सफर करने का मौका मिला था। इन यात्रियों के लिए ट्रेन में 14 डब्बे लगाए गए थे। उस समय ऐसा कोई शक्तिशाली इंजन नहीं था इसलिए तीन भाप के इंजन की सहायता से इस ट्रेन को चलाया गया था।

Indian Railway History

21 तोपों की मिली थी सलामी

यह ट्रेन भारत के लिए कितनी ज्यादा महत्वपूर्ण थी इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जब इसे चलाया गया तो इसे 21 तोपों की सलामी दी गई थी। रेलवे के इतिहास में इसकी जानकारी मिलती है जिसमें बताया जाता है कि दोपहर 3:30 से बोरी बंदर से जोरदार तालियों और 21 तोपों की सलामी के साथ इस ट्रेन को रवाना किया गया था। यह शाम 4:45 पर ठाणे पहुंची थी। 34 किलोमीटर के सफर को इसने एक घंटा 15 मिनट में तय किया था।

अंग्रेजों ने की थी शुरू

भारत में रेल नेटवर्क की शुरुआत अंग्रेजों ने की थी। इस सुविधा को उन्होंने लोगों की जरूरत के हिसाब से नहीं बल्कि अपने फायदे के लिए शुरू किया था। माल की सुरक्षित तरीके से आवाजाही की जा सके इसके लिए रेलवे सिस्टम होना जरूरी था। 1843 में बॉम्बे सरकार के चीफ इंजीनियर जॉर्ज क्लर्क को मुंबई के कल्याण, ठाणे, थाल और भोर घाटों को जोड़ने के लिए रेल चलाने का विचार आया था।

अब कहां है भारतीय रेलवे (Indian Railway)

किसी समय 14 डब्बों की ट्रेन से शुरू हुआ भारत का रेल नेटवर्क आज एशिया का पहला और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है। हम वंदे भारत जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेन से सफर करते हैं। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ट्रेनों ने यात्रियों के सफर को आसान बना दिया है। पहले जहां झंडे से ट्रेनों को सिग्नल दिया जाता था वह भी अब मॉडर्न हो गया है। भारतीय रेल लगातार विकास की ओर अपने कदम बढ़ा रही है।