छतरपुर जिला जेल एक बार फिर सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर जेल के भीतर अवैध वसूली और सुविधा शुल्क लेने का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था। इस वीडियो के सामने आने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई की है और महिला जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया है।
वायरल वीडियो में दावा किया गया था कि जेल में बंद कैदियों के परिजनों से सामान अंदर भिजवाने के नाम पर मनमाने पैसे वसूले जा रहे हैं। वीडियो में यह आरोप भी लगाया गया है कि जेल प्रहरी पुष्पा अहिरवार, जेलर दिलीप सिंह जाटव की कथित एजेंट के रूप में काम कर रही थीं। वीडियो में बातचीत के कुछ अंश सुनाई दे रहे हैं, जिसमें जेल के अंदर सामान भेजने के लिए अलग-अलग रेट तय होने की बात कही जा रही है।
झाड़ू न लगाने के बदले 3 हजार रुपये
जानकारी के मुताबिक, वीडियो में कैदियों से जेल में झाड़ू न लगवाने के एवज में 3 हजार रुपये सुविधा शुल्क मांगने की बात भी सामने आई थी। इसके अलावा अन्य कई तरह की सुविधाओं के लिए भी पैसे की मांग की जा रही थी। वीडियो में जेल की कैंटीन पर बैठी पुष्पा अहिरवार की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे।
देर रात जारी हुआ निलंबन आदेश
इस वीडियो को संज्ञान में लेते हुए सतना सेंट्रल जेल अधीक्षक ने कड़ा कदम उठाया है। उन्होंने जेल प्रहरी पुष्पा अहिरवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय सतना सेंट्रल जेल निर्धारित किया गया है। यह आदेश 24 दिसंबर की देर रात जारी किया गया। प्रशासन की इस कार्रवाई से जेल कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति है।
वायरल वीडियो जिसपर कार्रवाई हुई





