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Tue, Dec 16, 2025

छत्तीसगढ़ में 34 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 7 महिलाएं भी शामिल, बीजापुर SP के सामने डाले हथियार

Written by:Shyam Dwivedi
Published:
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। जिले में कुल 34 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। इन पर 84 लाख रुपए का इनाम था। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 7 महिलाएं और 27 पुरुष शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ में 34 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 7 महिलाएं भी शामिल, बीजापुर SP के सामने डाले हथियार

छत्तीसगढ़ में लाल आतंक खत्म होने की कगार पर है। आए दिन कई नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। अगर देखा जाए तो जब से कुख्याल नक्सली हिडमा मारा गया है तब से लेकर अब तक कई बड़े नक्सलियों ने हथियार डाले हैं। इस बीच, मंगलवार को एक बार फिर सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। राज्य के बीजापुर में बड़े नक्सलियों के गिरोह ने हथियार डाले हैं।

बता दें​ कि जिले में कुल 34 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। इन पर 84 लाख रुपए का इनाम था। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 7 महिलाएं और 27 पुरुष शामिल हैं। इनमें डिविजनल कमेटी मेंबर, केरलापाल एरिया कमेटी, PLGA, मिलिशिया के सदस्य और कमांडर शामिल हैं।

84 लाख रुपये का इनाम था घोषित

बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि 7 महिलाओं समेत 34 नक्सलियों ने यहां वरिष्ठ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारियों के समक्ष हथियार डाल दिया। ये नक्सली तेलंगाना से लेकर आंध्र ओडिशा सीमा तक एक्टिव थे। इन पर सामूहिक रूप से 84 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

अधिकारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति माओवादियों को हिंसा छोड़ने के लिए आकर्षित कर रही है। आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों को कौशल विकास प्रशिक्षण और अन्य सुविधाओं के साथ-साथ 50 हजार रुपये की तत्काल सहायता प्रदान की गई है।

पुलिस अधीक्षक ने की ये अपील

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने नक्सलियों से हिंसक रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की अपील की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास योजना नक्सलियों के लिए आकर्षक है। उनके परिवार भी चाहते हैं कि वे सामान्य जीवन जिएं और समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। बता दें कि जिले में 1 जनवरी 2024 से अब तक कुल 824 नक्सली मुख्यधारा में लौट चुके हैं। इसी दौरान 1079 नक्सली गिरफ्तार किए गए और 220 नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए।

नक्सलियों के सरेंडर पर क्या बोले सीएम विष्णुदेव साय?

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे पुनर्वास से पुनर्जीवन, बस्तर में शांति की ओर निर्णायक कदम बताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि बस्तर अंचल में शांति, विश्वास और विकास की दिशा में आज एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ी है। बीजापुर जिले में 84 लाख के इनामी 34 माओवादी कैडरों ने हिंसा और लाल आतंक का रास्ता छोड़कर भारतीय संविधान में आस्था जताते हुए समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है।

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दृढ़ इच्छाशक्ति के अनुरूप छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार निरंतर ठोस और मानवीय प्रयास कर रही है। ‘पूना मारगेम’ नीति ने यह सिद्ध किया है कि संवाद, संवेदनशीलता और विकास हिंसा से कहीं अधिक प्रभावी समाधान हैं। यह आत्मसमर्पण केवल हथियार छोड़ने का नहीं, बल्कि भय से मुक्त होकर सम्मानजनक जीवन की ओर लौटने का निर्णय है।

सरकार पुनर्वास, सुरक्षा, आजीविका और सामाजिक पुनर्समावेशन के माध्यम से लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति को नया भविष्य देने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं आज भी भटके हुए सभी युवाओं से अपील करता हूँ कि हिंसा का मार्ग त्यागें, लोकतंत्र और विकास के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। छत्तीसगढ़ शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बने, यही हमारा संकल्प है।