एमपी के दमोह से बड़ी खबर है जहां एक प्राचीन और बड़े तालाब में जहर मिलाने का मामला सामने आया है और इस घटना में तालाब में पल रही हजारों मछलियां मर गई है वहीं आसपास के क्षेत्रों में लोग दहशत में आ गए है। घटना की शिकायत पुलिस और स्थानीय प्रशासन से की गई है।
दरअसल दमोह के फुटेरा वार्ड में स्थित बेहद पुराने तालाब हजारी की तलैया में आज सुबह करीब 4 बजे लोगों को मछलियों के फड़फड़ाने की आवाजें आई तो मछली पालक समझ गए कि कुछ गड़बड़ है और कड़कड़ाती ठंड में लोगों ने देखा तो दो चार नहीं बल्कि सैकड़ों मछलियां फड़फड़ा रही थीं और देखते ही देखते उनका मरना शुरू हुआ। सुबह सूरज निकलने से पहले हजारों की तादात में मछलियों ने दम तोड़ दिया।
तालाब का पानी पीने में भी होता है इस्तेमाल
हजारी की तलैया मछली पालन के रूप में इस्तेमाल होती है और यहां के रैकवार समाज के लोग मिल जुल कर मछली पालन कर जीवन यापन करते है। लेकिन अचानक हुई मछलियों की मौत ने लोगों को डरा दिया है। ये तालाब सिर्फ मछली पालन नहीं बल्कि आसपास के दो वार्डो के लोगों के लिए रोजमर्रा का अहम हिस्सा है और लोग इसके पानी का उपयोग करते है, लेकिन जहरीले हुए पानी ने खौफ बढ़ाया हैं, जिस तरह से मछलियां मरी उससे साफ है कि पानी जहरीला हो गया है।
स्थानीय निवासियों में दहशत
मछली पालक और स्थानीय निवासी इसे कोई बड़ी साजिश बता रहे हैं उनकी माने तो रात के वक्त किसी ने इस तालाब में जहर घोला है और अच्छा हुआ कि सुबह होने से पहले मरी मछलियां पानी में तेरती दिखाई दी नहीं तो लोग इसके पानी का इस्तेमाल करते तो हों सकता है मछलियों की तरह इंसानों की सेहत पर भी विपरीत असर पड़ता लेकिन इस बात की गनीमत रही कि किसी इंसान ने इस पानी का उपयोग नहीं किया।
पुलिस और प्रशासन जाँच में जुटा
फिलहाल मछली पालकों ने पुलिस में इसकी शिकायत की है और पुलिस मौके पर है जांच पड़ताल कर रही है, इसके अलावा नगर पालिका और रेवेन्यू की टीमें भी यहां सक्रिय हो गई है। कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि इस तालाब का पानी एहतियात के तौर पर कोई इस्तेमाल न करे।
दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट





