देश और प्रदेश में क्रिकेट टूर्नामेंट का नाम आते ही लोगों के दिमाग में इनामी राशि, चमचमाती ट्रॉफी और खिलाड़ियों की वाहवाही घूमने लगती है। लेकिन मध्य प्रदेश के दमोह जिले में होने वाला एक क्रिकेट टूर्नामेंट इन सब से बिल्कुल अलग है। यहां बल्ला और गेंद सिर्फ जीत-हार के लिए नहीं चलते, बल्कि इसी खेल के जरिए गरीब बेटियों की जिंदगी संवरती है।
हम बात कर रहे हैं दमोह जिले के छोटे से कस्बे कुम्हारी में होने वाले उस अनोखे क्रिकेट टूर्नामेंट की, जहां फाइनल मैच के साथ ही दो गरीब बेटियों की शादी भी कराई जाती है। मैदान पर चौके-छक्कों के बीच वरमाला पहनाई जाती है और खेल का मैदान खुशियों का मंडप बन जाता है।
दमोह का अनोखा क्रिकेट टूर्नामेंट बना इंसानियत की मिसाल
मध्य प्रदेश का यह अनोखा क्रिकेट टूर्नामेंट अब सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं रहा। यह टूर्नामेंट इंसानियत, सहयोग और सामाजिक जिम्मेदारी की मिसाल बन चुका है। यहां न तो भारी फीस ली जाती है और न ही मुनाफे की सोच रखी जाती है। टूर्नामेंट से जुटाई गई पूरी राशि दो गरीब कन्याओं के विवाह में खर्च की जाती है। यही वजह है कि इस आयोजन को देखने और इसमें शामिल होने के लिए आसपास के गांवों से लेकर दूर-दराज के इलाकों तक से लोग पहुंचते हैं। दमोह का यह क्रिकेट टूर्नामेंट अब पूरे क्षेत्र में पहचान बना चुका है।
कुम्हारी गांव से शुरू हुई एक बड़ी सोच
दमोह जिले के कुम्हारी गांव में शुरू हुआ यह क्रिकेट टूर्नामेंट आज तीसरे साल में प्रवेश कर चुका है। इसकी शुरुआत गांव के ही निवासी रवि चौहान ने की थी। बेटी के जन्म के बाद एक पिता के मन में आने वाली जिम्मेदारियों और समाज की सच्चाई को उन्होंने करीब से महसूस किया। उन्होंने देखा कि कैसे कई गरीब परिवार बेटियों की शादी के लिए कर्ज में डूब जाते हैं। यहीं से उनके मन में विचार आया कि अगर खेल के जरिए कुछ अच्छा किया जा सके, तो क्यों न किया जाए। इसी सोच ने दमोह के इस अनोखे क्रिकेट टूर्नामेंट को जन्म दिया।
फाइनल मैच में होती है शादी, मैदान बनता है मंडप
इस टूर्नामेंट की सबसे खास बात इसका फाइनल मैच है। जहां आमतौर पर फाइनल में ट्रॉफी और पुरस्कार दिए जाते हैं, वहीं यहां फाइनल मैच के दौरान दो गरीब बेटियों की शादी कराई जाती है। क्रिकेट ग्राउंड को ही सजाकर मंडप बनाया जाता है। खिलाड़ी, दर्शक और आयोजन समिति के सदस्य बाराती बन जाते हैं। मैदान पर ही वरमाला पहनाई जाती है और पूरे सम्मान के साथ विवाह की रस्में निभाई जाती हैं। यह नजारा देखने वालों की आंखें नम कर देता है।
क्रिकेट से जुटती है शादी की पूरी राशि
दमोह के इस अनोखे क्रिकेट टूर्नामेंट में टीमों की एंट्री फीस, दर्शकों का सहयोग और गांव वालों का योगदान मिलकर शादी की पूरी व्यवस्था की जाती है। इसमें कपड़े, बर्तन, घरेलू सामान और जरूरत की अन्य चीजें शामिल होती हैं। आयोजन समिति का साफ कहना है कि एक भी पैसा निजी लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता। पूरी पारदर्शिता के साथ राशि का उपयोग गरीब बेटियों की शादी में किया जाता है। यही ईमानदारी इस टूर्नामेंट को खास बनाती है।
गांव से निकलकर संभाग तक बनी पहचान
शुरुआत में यह टूर्नामेंट सिर्फ कुम्हारी गांव तक सीमित था, लेकिन अब इसकी पहचान दमोह जिले से बाहर भी बन चुकी है। आसपास के जिलों से टीमें हिस्सा लेने आती हैं और लोग इस आयोजन को देखने पहुंचते हैं। सोशल मीडिया और मुंहजबानी प्रचार के जरिए यह अनोखा क्रिकेट टूर्नामेंट चर्चा का विषय बन गया है। लोग इसे सिर्फ खेल नहीं, बल्कि समाज के लिए एक सकारात्मक पहल के रूप में देखते हैं।





