देवास में लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। 23 दिसंबर मंगलवार को महिला थाने में तैनात प्रधान आरक्षक शाहीन खान को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। यह कदम शिकायतकर्ता विशाल परमार की शिकायत के आधार पर उठाया गया है।
लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक विशाल परमार ने 19 दिसंबर को उज्जैन लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक के पास एक शिकायत दर्ज करवाई थी। उनकी पत्नी अर्चना देवास महिला थाने में मारपीट और दहेज प्रताड़ना की शिकायत करने गई है। इस दौरान कार्रवाई के लिए प्रधान आरक्षक शाहीन खान ने 15 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी।
ट्रैप दल का गठन हुआ
शिकायत मिलने पर लोकायुक्त निरक्षक दीपक सेजवार ने इस मामले की जांच की। जिसके बाद आरोप साही पाए गए। फिर एक योजना बनाई गई। ट्रैप दल ने कार्रवाई को अंजाम दिया। आवेदक विशाल परमार को पैसों के साथ भेजा गया। जैसे ही महिला प्रधान आरक्षक ने रिश्वत राशि स्वीकार की, लोकायुक्त टीम ने रंगेहाथ पकड़ लिया।
आरोपी पुलिसकर्मी निलंबित
इस मामले में पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत ने भी बड़ा एक्शन लिया है। पुलिस विभाग की छवि खराब करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से आरोपी महिला आरक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं महिला थाना प्रभारी सुनीता कटारा को लाइन अटैच किया गया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आगे कार्रवाई होगी। आरोपी से पूछताछ की जाएगी।





