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Wed, Dec 17, 2025

बॉलीवुड का ये गाना बना हर टूटे दिल की धड़कन, इस तरह बदली थी सिंगर की किस्मत

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
अल्ताफ राजा का गाना “तुम तो ठहरे परदेसी” 90 के दशक का सबसे बड़ा हिट साबित हुआ। यह भारत का सबसे ज्यादा बिकने वाला सोलो एल्बम बना और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ।
बॉलीवुड का ये गाना बना हर टूटे दिल की धड़कन, इस तरह बदली थी सिंगर की किस्मत

बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक सुपरहिट गाने रिलीज हुए हैं। इनमें से कुछ एवरग्रीन गाने बने, तो कुछ क्लासिकल गाने लोगों की जुबान और दिल पर छाए रहे। कुछ गाने ऐसे भी रहे, जो आए और चले गए। तो कुछ गाने हर वक्त बजाए जाते हैं और सुने जाते हैं। कुछ गाने तो ऐसे भी हैं, जो लोग दिल टूटने के बाद सुनते हैं। कुछ गाने तड़प-भड़क होते हैं, तो कुछ गाने ऐसे होते हैं जिन्हें सुनते ही बॉडी में एक अजीब सी एनर्जी आ जाती है और शरीर अपने आप मूव करने लगता है। गाना स्ट्रेस को दूर करने के लिए काफी मददगार माना जाता है। इससे काफी हद तक तनाव दूर होता है।

आज हम आपको एक ऐसे गाने के बारे में बताएंगे, जिसे नवोदित सिंगर ने गया था। उस वक्त यह गाना हार टूटे दिल की धड़कन बन चुका था। इस गाने ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। अभी भी लोगों की प्लेलिस्ट में यह गाना सुनने को मिलता है।

तुम तो ठहरे परदेसी

दरअसल, यह गाना “तुम तो ठहरे परदेसी” था, जिसे अल्ताफ राजा ने गया था। यह उनके करियर का सबसे बड़ा हिट गाना रहा है। यह इंडिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला सोलो एल्बम है। इसकी पॉपुलैरिटी को देखते हुए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी इसका नाम दर्ज किया गया। रातों-रात इस गाने ने अल्ताफ राजा को फेमस कर दिया। उनका नाम बड़े गायकों में शुमार हो चुका था। इस गाने की बदौलत उन्होंने कई सारे अवॉर्ड्स भी जीते थे। इसके बाद उन्हें कई सारे गानों में अपनी आवाज देने का मौका मिला। हालांकि, उनका सफर इतना आसान नहीं रहा।

पढ़ाई में नहीं लगा मन

90 के दशक में गायकी की शुरुआत करने वाले अल्ताफ राजा ने कई दफा खुद के बर्बाद करियर के बारे में बताया है। इसके जज़्बात उन्होंने अपने गानों में बयान किए हैं। महाराष्ट्र के नागपुर में जन्मे सिंगर के माता-पिता चाहते थे कि उनका बेटा अच्छे से पढ़े-लिखे और एक बढ़िया, शानदार करियर बनाए और अपने जीवन को खुशहाल तरीके से जिए। इसलिए अल्ताफ को पढ़ाई के लिए मुंबई ले जाया गया। लेकिन पांचवी तक पढ़ाई करने के बाद वह घर वापस लौट आए। बाद में उनका एडमिशन मुंबई के एंथनी डिसूजा स्कूल में हुआ। वहां राज कपूर सहित अन्य कई बॉलीवुड हस्तियों के बच्चे पढ़ते थे।

हालांकि, अल्ताफ वहां भी पढ़ाई पूरी नहीं कर सके। नवमी कक्षा पूरी करने के बाद वह वापस एक बार फिर घर चले आए। पढ़ाई में मन नहीं लगने के कारण उनके पैरेंट्स ने उन्हें कपड़े सिलने की क्लास में एडमिशन करवा दिया। यहां भी उनका मन नहीं लगा।

शुरू की कव्वाली

शुरू से ही क्योंकि उनकी रुचि संगीत में रही थी। काफी दिनों तक मन में दबाकर रखने के बाद इस बात को अचानक एक दिन उन्होंने अपनी मां को बताया। तब उनकी मां ने उन्हें सपोर्ट किया और उन्हें हारमोनियम सीखने की क्लास शुरू करवा दी। केवल इतना ही नहीं, अल्ताफ ने अपनी मां के साथ मंच पर कव्वाली संगीत की प्रस्तुति भी की। वह देशभर में संगीत कार्यक्रमों में कव्वाली गाने लगे। उनकी आवाज को सुनने वाला हर एक व्यक्ति भावुक हो जाता था। तभी 1990 में उनका पहला एल्बम रिलीज हुआ और उनकी किस्मत बदल गई।

देखें उतार-चढ़ाव

अपने जीवन में काफी सारे उतार-चढ़ाव देखने के बावजूद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में एक अच्छी मुकाम हासिल की है। फिलहाल वह इंडस्ट्री से दूर हैं। लेकिन साल 2021 में उन्होंने एमएक्स प्लेयर पर एक वेब सीरीज इंदौरी इश्क में अपनी आवाज दी थी। फिलहाल अल्ताफ मुंबई में ही रहते हैं, लेकिन वह सोशल मीडिया से काफी दूरी बनाए रखते हैं।