कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका राजनीति से रिटायरमेंट लेने का कोई इरादा नहीं है। ये बात उन्होंने लोकमत संसदीय अवॉर्ड्स अंतर्गत लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित होने के बाद कही। खास बात ये कि ये बात उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कथन को उद्धृत करते हुए कही।
इस प्रतिष्ठित समारोह का आयोजन 17 दिसंबर को दिल्ली में किया गया, जहां दिग्विजय सिंह सहित आठ सांसदों को उनके उल्लेखनीय संसदीय योगदान के लिए विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया। यहां डीएमके सांसद टीआर बालू, भाजपा सांसद जगदंबिका पाल, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, भाजपा की संगीता कुमारी सिंह देव, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन , समाजवादी पार्टी की इकरा चौधरी और राज्यसभा मनोनीत सांसद सुधा मूर्ति को विभिन्न श्रेणियों में अवॉर्ड दिए गए।
दिग्विजय सिंह को मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
अपनी हाजिरजवाबी और चुटीले अंदाज़ के लिए पहचाने जाने वाले दिग्विजय सिंह ने उसी चिरपरिचित लहज़े में स्पष्ट कर दिया है कि वे राजनीति से रिटायर नहीं हो रहे हैं। मौका था प्रतिष्ठित लोकमत संसदीय अवॉर्ड्स 2025 समारोह का जहां उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें संसद में उनके दीर्घकालिक और उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।
कहा “मैं रिटायर नहीं हो रहा हूं”
इसके बाद जब पत्रकारों ने उनसे इस बाबत सवाल किया तो दिग्विजय सिंह ने मुस्कुराते हुए कहा कि “लाइफटाइम अवॉर्ड उसे दिया जाता है, जिसे संदेश दिया जाना हो कि तुम्हारा काम हो गया..अब रिटायर हो जाओ।” इसके बाद उन्होंने जो कहा वो और भी महत्वपूर्ण है। बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का कथन उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि “वाजपेयी जी ने कहा था कि न मैं टायर्ड हूं न मैं रिटायर हूं।”
अटल बिहारी वाजपेयी की बात का हवाला दिया
ये बात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हालिया राजनीति में जब हम देख रहे हैं कि विरोधी नेता एक दूसरे पर तोहमत लगाने का, कीचड़ उछालने का कोई मौका नहीं छोड़ते..ऐसे में दिग्विजय सिंह ने उस शानदार पुरानी परंपरा की याद दिलाई जहां विपक्षी नेता विचारधारा के स्तर पर भले एक दूसरे का विरोध करें, लेकिन व्यवहार में हमेशा शालीन रहते थे। वो ज़माना जब पक्ष और विपक्ष के नेता-मंत्री एक दूसरे का भरपूर सम्मान करते थे और उनके अच्छे कार्यों को खुले मन से स्वीकार भी करते थे। एएनआई से बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने जब अपनी विरोधी पार्टी बीजेपी के महान नेताओं में गिने जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लिया तो वे स्वयं भी उसी पंक्ति के नेताओं में जा बैठे..राजनीति में जिनकी नज़ीर हमेशा दी जाएगी।





