भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। MP पंचायत चुनाव (MP Panchayat Chunav) प्रथम चरण मतदान के बाद बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान लापरवाही अनुशासनहीनता बरतने वाले कर्मचारियों(MP Employees) पर निलंबन (suspend) सहित नोटिस (Notice) की कार्रवाई की गई है। ऐसे कई मामले अब तक देखे जा चुके। इसी बीच एक बड़ी कार्रवाई टीकमगढ़ में गई है। जहां पुलिस अधीक्षक ने कई अनुशासन इन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। जिससे हड़कंप मचा हुआ है।
बता दें कि मतदान से पहले तैयारी सुनिश्चित कर ली गई थी। जिसमें पुलिसकर्मी की ड्यूटी निर्धारित की गई थी। हालांकि ऐसे में दो आरक्षक मतदान केंद्र पर नहीं पहुंचे थे। जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उन्हें पुलिस लाइन अटैच किया गया है। इस मामले में जानकारी देते हुए एसपी प्रशांत खरे ने बताया कि चंदेरा थाने में पदस्थ आरक्षक केपी दांगी की मां सावित्री दांगी सरपंच पद का चुनाव लड़ रही हैं। जिसके चलते आरक्षक मतदान वाले दिन चुनावी ड्यूटी से नदारद रहे थे। इसलिए उन पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।
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वहीं एक अन्य कार्रवाई ग्वालियर जिले में की गई है। मामले में जांच में बड़ी चूक सामने आई। जांच अधिकारी ने नाबालिग को बरामद करने के बाद मेडिकल नहीं तैयार किया था। इसके बाद हाईकोर्ट में इस गलती पर अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकती है। इससे पहले कोर्ट ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित सांघी से कहा है कि मामले की जांच में चूक हुई है। इसलिए इस मामले में खुद निगरानी की जाएगी। साथ ही जांच अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। जांच अधिकारी एएसआई राम किशोर त्रिपाठी को निलंबित करने के साथ ही साथ अन्य अधिकारियों पर भी निलंबन की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकती है।
एक अन्य कार्रवाई रतलाम जिले में की गई है जिले में निर्वाचन के दौरान बसें उपलब्ध कराने के लिए बस मालिकों को निर्देश दिए गए थे। बावजूद इसके बस उपलब्ध नहीं कराने वाले वाहन स्वामियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। दरअसल आलोट क्षेत्र में निर्वाचन के लिए बस को नियत स्थान पर नहीं भेजने के बाद प्रभारी अधिकारी और एसडीम रतलाम द्वारा नोटिस जारी किया गया।
जिसमें प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 167 के तहत कार्रवाई का हवाला दिया गया है। वहीं वाहन मालिकों से 2 दिन में जवाब मांगा गया है। 2 दिन में जवाब अस्पष्ट नहीं दिए जाने पर इन पर कार्रवाई की जा सकती है। इस मामले में चार अधिकारियों को नोटिस जारी की गई। जिसमें वाहन स्वामी जितेंद्र सिंह चंद्रावत कालूखेड़ा के अलावा प्रकाश राठौड़, लकी राठौर, सुरेश राठौड़ द्वारा बसें नहीं दिए जाने पर उन पर नोटिस जारी किया गया।





