पलवल के रामगढ़ गांव में हाल ही में एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इसमें लगभग 500 ग्रामीणों ने हिस्सा लिया और उन्हें सरकारी योजनाओं से जुड़ने का मौका मिला। इस शिविर का मकसद था कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं से वंचित न रहे। यह कैंप परिवार पहचान प्राधिकरण हरियाणा के स्टेट कोऑर्डिनेटर डा. सतीश खोला की अगुवाई में हुआ। महिलाएं, किसानों और पिछड़े वर्ग अब लाडो लक्ष्मी, डीबीटी और परिवार पहचान पत्र जैसे माध्यमों से समृद्धि और सुरक्षा के अधिकार पा रहे हैं। ग्रामीणों में बढ़ता विश्वास इस परिवर्तन में सबसे बड़ी सफलता है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में सरकार यह चाहती है कि हर पात्र परिवार को बिना किसी देरी और भ्रष्टाचार के उसका हक मिले। इस शिविर के दौरान एक बड़ी घोषणा यह थी कि पलवल जिले की 77,388 महिलाओं को लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ मिलेगा। इसमें 68,093 विवाहित और 9,295 अविवाहित लड़कियों के नाम शामिल हैं। यह योजना महिलाओं को आर्थिक मदद और पेंशन देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।
किसानों को डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभ
किसानों को योजनाओं का लाभ सीधे उनके बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) प्रणाली के माध्यम से दिया जा रहा है। इससे बिचौलियों और भ्रष्टाचार की गुंजाइश पूरी तरह खत्म हो गई है। ग्रामीणों ने इस पहल की तारीफ़ की क्योंकि अब योजनाओं तक पहुँच परिवार पहचान पत्र (PPP) जरिए बेहद आसान हो गई है। इससे पहले जब उन्हें जानकारी या लाभ मिलने में कठिनाई होती थी, वह अब दूर हो गई है।
प्रदेश में युवा और भरोसा
डा. खोला ने कहा कि सरकार की पारदर्शी नीतियों, भर्ती प्रणाली और रोजगार के अवसरों ने युवा वर्ग का आत्मविश्वास बढ़ाया है और वे स्थानीय प्रगति में सहभागी बनना चाहते हैं। एक ग्रामीण चरण सिंह तेवतिया ने बताया कि पलवल में अंत्योदय योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव और सिफारिश के सैकड़ों लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। यह शिविर दर्शाता है कि हरियाणा सरकार सरकारी योजनाओं को पारदर्शी और प्रभावी तरीके से ग्रामीणों तक पहुंचाने में जुटी है।





