हरियाणा सरकार ने फार्मासिस्टों को बड़ी राहत देते हुए डी फार्मेसी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की वैधता को 31 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2026 कर दिया है। यह वैधता फार्मेसी एग्जिट एग्जामिनेशन आयोजित नहीं होने के चलते बढ़ाई गई है। इसके साथ ही संबंधित अभ्यर्थियों के रिकॉर्ड ऑनलाइन माध्यम से अपडेट किए जाएंगे। इसे लेकर हरियाणा स्टेट फार्मेसी परिषद की ओर से एक लेटर जारी किया गया है।
दरअसल जिन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की वैधता बढ़ाई गई है, उन प्रमाण पत्रों को नियत समय पर जारी किया जाएगा। इसकी पुष्टि हरियाणा राज्य फार्मेसी परिषद के अध्यक्ष बीबी सिंघल द्वारा की गई है। उन्होंने जानकारी दी है कि जल्द ही जरूरी प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।
नियमों पर नजर डालें
हरियाणा डी फार्मेसी फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन के नियमों पर नजर डालें तो बता दें कि इसके लिए आवेदक के पास डी फार्मा की डिग्री होना जरूरी है। इसके अलावा 500 घंटे की ट्रेनिंग भी अनिवार्य है। 10+2 में उम्मीदवार के पास साइंस स्ट्रीम होना भी जरूरी है और प्रवेश के दौरान हिंदी और संस्कृत में एक विषय होना अनिवार्य है। इसके अलावा राज्य फार्मेसी काउंसिल में आवेदन करना भी जरूरी है। लेटर जारी होने के बाद हरियाणा राज्य फार्मेसी परिषद ने केवल डी फार्मेसी सेशन 2022-23 में प्रवेशित एवं पंजीकृत फार्मासिस्टों को किसी भी प्रकार की प्रशासनिक अथवा व्यवसायिक सुविधा में बाधा न हो, इसके लिए यह निर्णय लिया है।
फार्मेसी एग्जिट एग्जामिनेशन देना अनिवार्य
दरअसल न सिर्फ हरियाणा में बल्कि पूरे भारत में डी फार्मा करने वाले छात्रों के लिए फार्मेसी एग्जिट एग्जामिनेशन देना अनिवार्य हो गया है, जिससे वे पंजीकृत फार्मासिस्ट बन सकें। यह परीक्षा नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज द्वारा आयोजित की जाती है। भारत के हर राज्य और शहर से बड़ी संख्या में छात्र इसमें हिस्सा लेते हैं। फार्मासिस्ट के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए एग्जिट एग्जाम पास करना जरूरी है। इसके अलावा 2022-23 से प्रवेश लेने वाले फार्मासिस्ट छात्रों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि हाल ही में डी फार्मा छात्रों के रजिस्ट्रेशन में एग्जिट एग्जाम की अनिवार्यता को अस्थायी रूप से हटा दिया गया था।





