कुल्लू में मशहूर बिजली महादेव मंदिर के कपाट अगले 3 महीने के लिए बंद कर दिए गए हैं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित इस मंदिर में देव परंपरा के अनुसार यह व्यवस्था की जाती है। अब मंदिर के कपाट 15 मार्च 2026 को खोले जाएंगे। आने वाले 3 महीने तक मंदिर परिसर में पूजा-पाठ भी नहीं किया जाएगा। कपाट बंद होने से देशभर से कुल्लू-मनाली पहुंचने वाले टूरिस्ट भी अगले 3 महीने तक बिजली महादेव के दर्शन नहीं कर सकेंगे। दरअसल परंपरा के मुताबिक यह शीतकालीन प्रवास रहता है। देवता के शीतकालीन प्रवास के समय मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहता है।
इसके अलावा मंदिर प्रशासन की ओर से भी लोगों से अपील की गई है कि परंपरा का पालन करें और इस दौरान मंदिर न आएं। सदियों से इस मंदिर में इस परंपरा को निभाया जा रहा है। हर साल ठंड के सीजन में देव परंपराओं का पालन करते हुए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
केवल दो दिन विशेष रूप से खोले जाएंगे कपाट
बता दें कि 15 मार्च 2026 से पहले दो दिन विशेष रूप से बिजली महादेव के कपाट खोले जाएंगे। दरअसल यह कपाट महाशिवरात्रि के मौके पर खोले जाएंगे। इस पावन अवसर पर 15 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन कपाट खोले जाएंगे और 16 फरवरी की शाम को पूजा-अर्चना के बाद एक बार फिर 15 मार्च तक के लिए कपाट बंद कर दिए जाएंगे। दरअसल ठंड के सीजन के दौरान महाशिवरात्रि पड़ने के कारण दो दिनों के लिए विशेष रूप से मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। इसे लेकर बिजली महादेव मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष फतेह सिंह राणा ने जानकारी दी कि देव परंपराओं में किसी भी प्रकार की कोई बाधा न आए, इसके लिए मंदिर क्षेत्र में सूचना बोर्ड लगाए गए हैं।
कमेटी के कोषाध्यक्ष ने की अपील
इसके अलावा कमेटी के कोषाध्यक्ष फतेह सिंह राणा ने लोगों से भी अपील की है। उन्होंने कहा है कि सभी श्रद्धालुओं से विनम्र निवेदन किया जाता है कि देव नियमों का सम्मान करें और परंपराओं का पालन करें। जानकारी दे दें कि बिजली महादेव मंदिर प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है। यहां हर साल देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और बाबा बिजली महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। हालांकि मंदिर प्रशासन की ओर से साफ कर दिया गया है कि 3 महीने के लिए देव परंपरा के अनुसार कपाट बंद किए गए हैं, जो 15 मार्च 2026 को ही खोले जाएंगे। केवल शिवरात्रि पर विशेष रूप से पूजा-अर्चना के लिए कपाट खोले जाएंगे। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए किसी भी प्रकार की दर्शन व्यवस्था नहीं की गई है।





