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Tue, Dec 16, 2025

हिमाचल विधानसभा सत्र के 11वें दिन आपदा पर गूंजेगा मुद्दा, चार नए विधेयक होंगे पेश

Written by:Neha Sharma
Published:
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को अपने 11वें दिन में प्रवेश करेगा। सत्र की बैठक दोपहर दो बजे से शुरू होगी। बीते दिनों राज्य में बादल फटने, भूस्खलन और तबाही के हालात को देखते हुए इस विषय पर सदन में गहन चर्चा होना तय माना जा रहा है।
हिमाचल विधानसभा सत्र के 11वें दिन आपदा पर गूंजेगा मुद्दा, चार नए विधेयक होंगे पेश

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को अपने 11वें दिन में प्रवेश करेगा। सत्र की बैठक दोपहर दो बजे से शुरू होगी। बीते दिनों राज्य में बादल फटने, भूस्खलन और तबाही के हालात को देखते हुए इस विषय पर सदन में गहन चर्चा होना तय माना जा रहा है। प्रश्नकाल के दौरान भी आपदा से जुड़े प्रश्न और अनुपूरक प्रश्न उठेंगे। इसके बाद शून्यकाल और अन्य नियमों के तहत भी इस मुद्दे पर चर्चा जारी रहेगी। गौरतलब है कि 12 दिवसीय मानसून सत्र मंगलवार को समाप्त होगा। यह चौदहवीं विधानसभा का 12वां सत्र है और अब तक के इतिहास में चौथा सबसे लंबा सत्र माना जा रहा है।

सत्र के 11वें दिन आपदा पर गूंजेगा मुद्दा

सदन में सोमवार को चार अहम विधेयक पेश किए जाएंगे। इनमें हिमाचल प्रदेश लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक 2025, हिमाचल प्रदेश सड़क द्वारा कतिपय माल के वहन पर कराधान संशोधन विधेयक 2025, रजिस्ट्रीकरण हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक 2025 और हिमाचल प्रदेश पंचायती राज संशोधन विधेयक 2025 शामिल हैं। इन विधेयकों पर चर्चा सोमवार को होगी, जबकि इन्हें पारित करने के प्रस्ताव मंगलवार यानी मानसून सत्र के अंतिम दिन रखे जाएंगे।

इसी के साथ सोमवार को हिमाचल प्रदेश लोक उपयोगिताओं के परिवर्तन का प्रतिषेध विधेयक 2025 को पारित करने का प्रस्ताव भी सदन में रखा जाएगा। यह विधेयक राज्य में सार्वजनिक उपयोगिताओं की सुरक्षा और उनके अनुचित उपयोग पर रोक लगाने के उद्देश्य से लाया गया है। सरकार का मानना है कि इससे राज्य की आधारभूत संरचना को सुरक्षित किया जा सकेगा और जनता को बेहतर सुविधाएं दी जा सकेंगी।

नियम 130 के तहत कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया संसाधन जुटाने के लिए नीति बनाने का प्रस्ताव सदन में रखेंगे। वहीं, भाजपा विधायक बिक्रम सिंह अवैध खनन और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से उत्पन्न पर्यावरणीय असंतुलन, भूस्खलन और बाढ़ जैसी समस्याओं को रोकने के लिए नीति लाने का सुझाव देंगे। ऐसे में सत्र का 11वां दिन आपदा प्रबंधन और विकास नीतियों पर गहन बहस का गवाह बनेगा।