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Fri, Dec 19, 2025

झाबुआ कांग्रेस की परम्परागत सीट, हरियाणा में रही मैनेजमेंट की कमी – कैलाश विजयवर्गीय

Written by:Mp Breaking News
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झाबुआ कांग्रेस की परम्परागत सीट, हरियाणा में रही मैनेजमेंट की कमी – कैलाश विजयवर्गीय

इंदौर। आकाश धौलपुरे। 

इंदौर में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने आज मीडिया से चर्चा कर हरियाणा चुनाव में चुनावी प्रबंधन को खामी मानते हुए विश्वास।  जताया कि बावजूद इसके बीजेपी हरियाणा में सरकार बनाएगी वही महाराष्ट्र में मिली सफलता पर खुशी जताई हालांकि मध्यप्रदेश की झाबुआ सीट पर उपचुनाव के नतीजे के सम्बन्ध में विजयवर्गीय ने साफ किया कि आजादी के बाद से ही झाबुआ सीट कांग्रेस की परम्परागत सीट रही है वही उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार पर मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के सारे हथकंडे अपनाने के बाद भी झाबुआ में हम अच्छी स्थित में है। वही उन्होंने माना कि हरियाणा में चुनाव मैनेजमेंट में कमी रह गई जिसका मतलब है कि हम अपनी बात ठीक तरह से नही रख पाए होंगे।  हालांकि उन्होंने ये भी माना की पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 5 वर्ष तक खूब ईमानदारी और मेहनत से काम कर परिवारवाद, जातिवाद और भाई भतीजावाद की राजनीति को समाप्त कर आम जनता की राजनीति की शुरुआत की। विजयवर्गीय ने माना कि हम अपनी बात जनता के सामने ठीक तरीके से नही रख पाए और चुनाव परिणाम के बाद इस मामले में बीजेपी आत्मावलोकन करेगी वही विजयवर्गीय ने ये भी कहा कि हमारा बहुमत आएगा। वही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हमे सफलता मिली है और हरियाणा में हमने जितना सोचा था उतनी सफलता नही मिली है बावजूद उसके बीजेपी हरियाणा में सरकार बनाएगी क्योंकि जो इंडिपेंडेंट चुनाव लड़ रहे है उनका समर्थन बीजेपी को मिलेगा। इधर, मध्यप्रदेश के संदर्भ में बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनाने के बाद किसानों के पास पैसा नही पहुंचा है और सरकार पूरी तरह से फेल है। समूचे प्रदेश में पावर कट की स्थिति है लोगो के जनरेटर वापस बाहर निकल। आये है। सरकार बिजली माफ करने की बजाय बिजली साफ कर रही है। वही मैग्नीफीसेंट एम.पी. समिट पर विजयवर्गीय ने कहा कि सरकार कोई सी भी इन्वेस्टमेंट आना चाहिए ताकि प्रदेश का भला हो रोजगार बढ़े और सरकार के टैक्स कलेक्शन में बढ़ोत्तरी भी हो। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने जल्दी कर दी और ये ही कारण है कि समिट में ए क्लास के कॉरपोरेट नही आये। वही उन्होंने कहा इंदौर में दो अलग अलग निगम होने के सवाल पर कहा कि इंदौर में इसकी आवश्यकता नही है।