Sun, Dec 28, 2025

अस्वीकृत ऋणों को स्वीकृत कर अधिकारियों ने बैंक को लगा दिया 65 लाख का चूना, जबलपुर EOW ने दर्ज किया मामला

Reported by:Sandeep Kumar|Edited by:Atul Saxena
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जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक ने अन्य अधिकारी, कर्मचारियों के साथ मिलकर बड़ी ही सफाई से अस्वीकृत से 'अ' हटाकर उसे स्वीकृत कर दिया। इतना ही नहीं 38 लाख रुपए की राशि को भी बदलकर 65 लाख कर दिया।
अस्वीकृत ऋणों को स्वीकृत कर अधिकारियों ने बैंक को लगा दिया 65 लाख का चूना, जबलपुर EOW ने दर्ज किया मामला

EOW

मंडला के जिला सहकारी बैंक एवं अल्प बचत साख समिति के पदाधिकारियों ने दस्तावेजों में हेरफेर कर अस्वीकृत ऋणों को स्वीकृत करते हुए बैंक को 65 लाख का चूना लगा दिया। मामला 2011 का है, जिसमें जांच के बाद जबलपुर आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो जबलपुर (EOW) की टीम ने तत्कालीन महाप्रबंधक सहित चार अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।

ईओडब्ल्यू के मुताबिक इन अधिकारियों ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, जिला मंडला की 08 नवम्बर 2011 को आयोजित ऋण उप समिति की बैठक में निर्णय लिया कि अल्प बचत साख सहकारी समिति मर्यादित, मंडला के ऊपर 38 लाख रुपए का ऋण बकाया है। अतः सर्वसम्मति से प्रकरण को अस्वीकृत किया जाता है। बैठक के बाद नरेन्द्र कोरी जो कि जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक रहे है, उन्होंने अन्य अधिकारी, कर्मचारियों के साथ मिलकर बड़ी ही सफाई से अस्वीकृत से ‘अ’ हटाकर उसे स्वीकृत कर दिया। इतना ही नहीं 38 लाख रुपए की राशि को भी बदलकर 65 लाख कर दिया गया।

फैसले के विरुद्ध जाकर चालाकी से की धोखाधड़ी

जांच के दौरान यह भी पाया कि ऋण समिति की बैठक में तत्कालीन महाप्रबंधक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, मंडला नरेन्द्र कोरी ने इस तथ्य को जानबूझकर छिपाया और उन्हीं के द्वारा 08 नवम्बर 2011 को हुई बैठक  के मात्र तीन दिन बाद 12 नवम्बर 2011 को महाप्रबंधक, कृषि शाखा मंडला को 65 लाख रुपए का अल्प अकृषि ऋण, अल्प बचत साख सहकारी समिति मर्यादित मंडला को स्वीकृत अपने आदेश और हस्ताक्षर से पारित कर दिए।

लोन पास कर आपस में बाँट ली गबन की गई राशि

लोन पास करने के बाद यह राशि नरेन्द्र कोरी, तत्कालीन महाप्रबंधक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मंडला, एन. एल. यादव, तत्कालीन स्थापना प्रभारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मण्डला, अतुल दुबे, तत्कालीन लेखापाल व पंजी फील्ड कक्ष प्रभारी, जिला सहकारी बैंक मंडला एवं शशि चौधरी, प्रबंधक, अल्प बचत साख सहकारी समिति मंडला ने आपस में बांट ली। सभी आरोपियों ने पद का दुरुपयोग करते हुए कूटरचित दस्तावेज तैयार करते हुए अस्वीकृत राशि को स्वीकृत करते हुए बैंक को राशि 65 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाया।

धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज  

आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने पद का दुरुपयोग करते हुए आपराधिक षड़यंत्र रचने, धोखाधड़ी, ऋण उप समिति की बैठक में पारित निर्णय को बदलकर राशि 65 लाख रुपए की राशि जारी करवाने के मामले में आरोपियों के खिलाफ 168/2025 धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि एवं 7 सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है।

संदीप कुमार की रिपोर्ट