कैंची धाम के दर्शन के लिए उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालु अक्सर पास के खूबसूरत गांव चौसाली को मिस कर देते हैं। नैनीताल जिले में बसा यह छोटा सा गांव प्रकृति की गोद में शांति और सुंदरता का खजाना है। हरे-भरे जंगल, पहाड़ी रास्ते और स्थानीय संस्कृति का अनोखा मिश्रण इसे एक परफेक्ट वीकेंड गेटवे बनाता है। चाहे आप ट्रेकिंग के शौकीन हों या अध्यात्म की तलाश में हों, चौसाली हर किसी को लुभाता है।
ये स्थान कैंची धाम से महज 15-20 किलोमीटर की दूरी पर है, जिससे इसे आसानी से अपनी यात्रा में शामिल किया जा सकता है। यह गांव अपनी सादगी और प्राकृतिक नजारों के लिए जाना जाता है। यहां का शांत माहौल और ठंडी हवाएं शहर की भागदौड़ से राहत देती हैं। स्थानीय लोग मेहमाननवाज हैं और उनकी कहानियां आपको उत्तराखंड की संस्कृति से जोड़ती हैं। चौसाली का दौरा कैंची धाम की आध्यात्मिक यात्रा को और यादगार बना देता है।
चौसाली की खासियतें और घूमने लायक जगहें
यह जगह अपने प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर के लिए मशहूर है। यहां का चौसाली मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है, जहां आप शांतिपूर्ण माहौल में समय बिता सकते हैं। मंदिर के आसपास का नजारा पहाड़ों और जंगलों से घिरा है, जो फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए बेस्ट है। इसके अलावा, चौसाली ट्रेक आसान और मध्यम स्तर का है, जो आपको घने जंगलों और छोटी-छोटी झरनों तक ले जाता है। गांव के आसपास के खेत और फल बागान आपको स्थानीय जीवन का करीब से अनुभव कराते हैं। सूर्यास्त के समय यहां का नजारा देखने लायक होता है, जब पहाड़ सुनहरे रंग में नहा उठते हैं।
चौसाली कैसे पहुंचें और टिप्स
सबसे पहले आपको नैनीताल या काठगोदाम आना होगा। काठगोदाम रेलवे स्टेशन चौसाली से करीब 50 किलोमीटर दूर है, जहां से टैक्सी या बस आसानी से मिल जाती है। अगर आप दिल्ली से आ रहे हैं, तो रात की बस या ट्रेन लेकर सुबह काठगोदाम पहुंच सकते हैं। वहां से कैंची धाम होते हुए चौसाली का रास्ता बेहद खूबसूरत है। निजी वाहनों को कैंची धाम के पास पार्क करना पड़ सकता है, क्योंकि वहां शटल सेवा उपलब्ध है। चौसाली में ठहरने के लिए छोटे गेस्टहाउस और होमस्टे हैं, जहां 800-1500 रुपये में रुक सकते हैं। गर्म कपड़े और ट्रेकिंग शूज साथ रखें, क्योंकि मौसम ठंडा रहता है। स्थानीय खाना जैसे भट्ट की चुरकानी और आलू के गुटके जरूर ट्राई करें।





