इतिहास में एक से बढ़कर एक राजा और रानियों ने शासन किया है। यह सभी अपने देश की जनता के हित के बारे में सोचते थे। उन्हें अच्छा जीवन देने के लिए हमेशा अपने राजकोष से समय-समय पर दान भी करते रहते थे। हालांकि, इनमें से कुछ रानियां ऐसी थीं जो जनता ही नहीं बल्कि परिवार के सदस्यों को भूखा रखकर मारती थीं।
आज हम आपको इतिहास की सबसे घमंडी रानी के बारे में बताएंगे, जिनका नाम मेडागास्कर की रानी रानावलोना था। उन्होंने सत्ता पाने के लिए क्रूरता की सारी हदें पार कर दी थीं।
सत्ता के लालच में अंधी
सत्ता की लालच में वह इतनी ज्यादा अंधी हो गई थीं कि उन्होंने गद्दी हथियाने के लिए नरसंहार चला दिया और मेडागास्कर की रानी का पद हासिल कर लिया। रानावलोना का जन्म 1788 में हुआ था। साधारण परिवार में जन्मी इस युवती का राजघराने से कोई संबंध नहीं था। रानी बनने के बाद उन्होंने अपने लोगों और विरोधियों का बेरहमी से कत्ल कर दिया।
ईसाई धर्म के थी खिलाफ
केवल इतना ही नहीं, 30 साल तक शासन करने वाली यह रानी ईसाई धर्म के खिलाफ थी। वह अपनी जनजाति मरीनास की परंपराओं में दृढ़ता से विश्वास करती थीं और इसे बढ़ावा भी दे रही थीं। रानावलोना के पिता को मरीना साम्राज्य के भावी राजा को मारने की साजिश का जब पता चला, तो उन्होंने अपने स्वामी को इसके बारे में बता दिया। इसलिए राजा ने रानावलोना को गोद ले लिया था और वादा किया था कि वह अपने बेटे राधामा से उसकी शादी करेगा।
नहीं हुआ संतान
जब रादामा राजा बने, तब रानावलोना से उनकी शादी हुई। लेकिन जब राजा की मृत्यु हुई, तब रानावलोना की कोई संतान नहीं थी। ऐसे में उनके भतीजे को सिंहासन का उत्तराधिकारी बना दिया गया। इसके बाद रानावलोना ने उसे अपने रास्ते से हटाने का फैसला किया और खुद को रानी घोषित कर लिया। इसके बाद कुछ विश्वासपात्रों के साथ मिलकर महल पर कब्जा किया और फिर राधामा के बेटे, उसकी मां और परिवार के कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया।





