जब हम किसी से प्यार करते हैं, तो रिश्ते को निभाने के लिए अक्सर कई चीजें नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन कई बार ये चुप्पी हमारी मानसिक स्वास्थ्य को अंदर ही अंदर तोड़ देती है। अगर आपका पार्टनर बार-बार वही गलतियां दोहराता है, आपकी बातों को महत्व नहीं देता या आपको दोषी महसूस कराता है, तो समझ लें कि यह सिर्फ रिलेशनशिप नहीं बल्कि एक टॉक्सिक रिलेशनशिप बन चुकी है।
आजकल के तेजी से भागते जीवन में मेंटल हेल्थ को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। इसलिए अगर आपके रिश्ते में ऐसे संकेत बार-बार दिख रहे हैं, तो खुद को बचाना ज़रूरी है। आइए जानें वो पार्टनर की आदतें जो आपकी मानसिक शांति को चुपचाप निगल सकती हैं।
पार्टनर की आदतें जो मेंटल हेल्थ पर डालती हैं बुरा असर
बार-बार ब्लेम गेम खेलना और दोषी ठहराना
अगर आपका पार्टनर हर बात पर आपको ही दोष देता है, चाहे वो गलती उनकी ही क्यों न हो, तो यह एक बहुत बड़ा रेड फ्लैग है। जब कोई इंसान हर बार आपको ही जिम्मेदार ठहराता है, तो धीरे-धीरे आपकी सेल्फ-वैल्यू पर असर पड़ता है। आप खुद को लेकर कन्फ्यूज्ड और गिल्ट फीलिंग में जीने लगते हैं। इससे आपका आत्मविश्वास कम होता है और आप हर स्थिति में खुद को ही गलत मानने लगते हैं।
आपकी लिमिटेशन्स को इग्नोर करना
एक हेल्दी रिलेशनशिप में स्पेस और सीमाओं का सम्मान जरूरी होता है। लेकिन अगर आपका पार्टनर बार-बार आपकी पर्सनल स्पेस, फिजिकल बाउंड्री या इमोशनल लिमिट्स को नजरअंदाज करता है, तो यह मानसिक तौर पर बेहद थकाऊ हो सकता है।
हर समय कॉल करना, आपसे हिसाब मांगना, आपकी मर्जी के बिना फैसले लेना ये सब संकेत हैं कि वो आपकी सीमाओं की कद्र नहीं करता। ये आदतें धीरे-धीरे मेंटल बर्नआउट का कारण बन सकती हैं।
गैसलाइटिंग और इमोशनल मैनिपुलेशन
गैसलाइटिंग एक बहुत ही खतरनाक मानसिक उत्पीड़न का तरीका है। इसमें पार्टनर आपको आपकी ही सोच और अनुभव पर शक करने को मजबूर कर देता है। वो कहता है, “तुम्हें तो बात ही समझ नहीं आती”, या “तुम हमेशा ओवर रिएक्ट करती हो”, जिससे आप धीरे-धीरे खुद को लेकर शंकित होने लगती हैं। ऐसी आदतें आपकी मानसिक स्थिति को कमजोर बना देती हैं और आपको भावनात्मक रूप से निर्भर बना देती हैं।
मेंटल हेल्थ के लिए उठाएं ये जरूरी कदम
अगर आपको महसूस होता है कि आपका रिलेशनशिप आपकी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डाल रहा है, तो सबसे पहले खुद के लिए स्टैंड लें। किसी सर्टिफाइड थेरेपिस्ट से बात करें। परिवार या दोस्तों से सपोर्ट लें और अपने अंदर की आवाज़ को सुनें।





