Sun, Dec 28, 2025

कभी थे भारत के समृद्ध शहर, अब सिर्फ इतिहास की पन्नों में हैं जिंदा!

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
पिछले कई सारे आर्टिकल में हम आपको भारत के सबसे महंगा शहर, सबसे सस्ता शहर, सबसे बड़ा शहर, सबसे छोटा शहर आदि से रूबरू करवा चुके हैं। आज हम आपको भारत के खोए हुए शहरों के बारे में बताएंगे।
कभी थे भारत के समृद्ध शहर, अब सिर्फ इतिहास की पन्नों में हैं जिंदा!

भारत में स्थित हर एक शहर का अपना अलग-अलग महत्व है, जहां की संस्कृति, विरासत और इतिहास इन्हें बाकी शहरों से बिल्कुल अलग बनाता है। पूरब से लेकर पश्चिम तक… उत्तर से लेकर दक्षिण तक… देश के हर कोने में स्थित शहर किसी-न-किसी खासियत के कारण विश्व भर में भी प्रसिद्ध है। यहां विकास को लेकर सरकार सहित आम जनता भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कुछ शहर पढ़ाई का गढ़ माना जाता है, तो कुछ शहर धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। कुछ शहर खानपान के लिए फेमस है, तो कुछ शहर ऐसे भी हैं, जो सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। कुछ शहर अपने साथ इतिहास समेटे हुए हैं, तो कुछ शहर उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। कुछ शहर महंगाई के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, तो कुछ शहर ऐसे भी है, जहां रहना खाना बहुत ही सस्ता है।

पिछले कई सारे आर्टिकल में हम आपको भारत के सबसे महंगा शहर, सबसे सस्ता शहर, सबसे बड़ा शहर, सबसे छोटा शहर आदि से रूबरू करवा चुके हैं। आज हम आपको भारत के खोए हुए शहरों के बारे में बताएंगे।

कभी थे भारत के समृद्ध शहर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में कुल 4000 से भी अधिक शहर है। जिनमें से 300 शहर में करीब एक लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। कुछ शहरों को स्मार्ट सिटी और मैग्नेट सिटी के नाम से जाना जाता है, लेकिन आज हम आपको भारत के खोए हुए शहरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सामान्य ज्ञान के लिहाज से भी जानना जरूरी है। वहीं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को भी इसका जवाब पता होना चाहिए।

पूंपुहार शहर

इस लिस्ट में पूंपुहार शहर का नाम सबसे पहले आता है, जो कि तमिलनाडु का हिस्सा था। यह कावेरी नदी के किनारे स्थित पुरातन बंदरगाह नगर था, जिसे कावेरीपट्टिनम भी कहा जाता है। पुरातत्वविदों के मुताबिक, सन 500 में यह शहर समुद्री तूफान के कारण नष्ट हो गया था। जिसके बाद इसका इतिहास के केवल पन्नों में समा कर रह गया।

म्यूजिरिस शहर

केरल में स्थित म्यूजिरिस शहर भी इस लिस्ट में शामिल है। जिसका इतिहास केवल पन्नों में सिमट कर रह गया है, जो कि पेरियार नदी के तट पर स्थित था। इस जगह से पुरातत्वविदों को यमन, इजिप्ट, रोमन और पश्चिम एशिया के कई देशों की कलाकृतियां मिली है। जिससे यह अंदाजा लगाया जाता है कि यहां इन देशों के लोगों का आना-जाना रहा होगा।

लोथल शहर

इस लिस्ट में गुजरात का लोथल शहर भी शामिल है, जो कि सिंधु घाटी सभ्यता का प्रमुख शहर माना गया है। जिसकी खोज 1954 में की गई थी। पुरातत्व विभाग द्वारा यहां खुदाई की गई, जिसमें यह पता चला कि बाढ़ के कारण यह शहर बर्बाद हो गया था। इसके बाद, यहां का नामों-निशान मिट गया। हालांकि, यहां पर टूटी दीवारें, बाथरूम, नालियां, चबूतरे अभी भी देखने को मिलते हैं।

धोलावीरा शहर

इस लिस्ट में गुजरात का धोलावीरा शहर भी शामिल है, जिसकी खोज 1967-68 के बीच की गई थी। हालांकि, साल 1990 से लेकर अभी भी यहां खुदाई का काम जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह सबसे बड़ा पुरातात्विक स्थान है। यहां के स्थानीय लोग इसे कोटड़ा टिंबा प्राचीन महानगर धोलावीरा कहते हैं।

सुरकोटडा शहर

इतिहास के पन्नों पर सिमट कर रह जाने वाले शहर में सुरकोटडा का नाम भी शामिल है, जो कि गुजरात राज्य का हिस्सा है। यह कच्छ जिले के पास मौजूद है। जिसकी खोज साल 1964 में की गई थी। पुरातत्वविदों को इस जगह से लाल लैटराइट मिट्टी से ढके टीले और घोड़ों के अवशेष मिले हैं।

द्वारका शहर

इतिहास में शहरों की बात की जाए और द्वारका का नाम ना लिया जाए, यह संभव नहीं है। इस लिस्ट में गुजरात राज्य में स्थित द्वारका शहर का नाम भी शुमार है, जिसे भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह शहर 6 बार समुद्र में समा चुका है। जिसके अंदर बस्तियां और कई स्ट्रक्चर भी मिले हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)