Sun, Dec 28, 2025

मध्य प्रदेश में SIR की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी: 42 लाख से ज्यादा नाम कटे, भोपाल में सबसे बड़ा असर, देखें आंकड़े

Written by:Ankita Chourdia
Published:
Special Intensive Revision Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में 42.74 लाख नाम हटाए गए हैं। राजधानी भोपाल में सर्वाधिक 4.38 लाख मतदाताओं के नाम कटे हैं। निर्वाचन आयोग ने दावा-आपत्ति के लिए 22 जनवरी 2026 तक का समय दिया है।
मध्य प्रदेश में SIR की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी: 42 लाख से ज्यादा नाम कटे, भोपाल में सबसे बड़ा असर, देखें आंकड़े

मध्य प्रदेश में निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया है। इस नई सूची में प्रदेशभर के मतदाताओं की संख्या में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल 42 लाख 74 हजार से ज्यादा मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 5 करोड़ 74 लाख से अधिक मतदाता पंजीकृत थे, जिनमें से 5 करोड़ 31 लाख से ज्यादा लोगों ने गणना पत्रक जमा कराए थे। जांच और सत्यापन की प्रक्रिया के बाद लाखों नाम सूची से बाहर कर दिए गए हैं।

क्यों कटे लाखों नाम?

आयोग द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक, नाम कटने के पीछे मुख्य रूप से तीन कारण सामने आए हैं। सबसे बड़ी संख्या उन मतदाताओं की है जो या तो अपने पते से स्थानांतरित हो चुके हैं या वहां उपलब्ध नहीं थे। ऐसे कुल 31.51 लाख मतदाता पाए गए। इसके अलावा, 8.46 लाख नाम मृत्यु के कारण हटाए गए हैं। वहीं, 2.77 लाख मतदाता ऐसे मिले जिनका नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज था।

भोपाल में सबसे ज्यादा असर

SIR की इस प्रक्रिया का सबसे व्यापक असर राजधानी भोपाल में देखने को मिला है। यहां अकेले 4 लाख 38 हजार 875 वोटरों के नाम ड्राफ्ट सूची से विलोपित किए गए हैं। पुनरीक्षण से पहले भोपाल में मतदाताओं की संख्या 21.25 लाख थी, जो अब घटकर 16.87 लाख रह गई है।

भोपाल की अलग-अलग विधानसभा सीटों के आंकड़े देखें तो गोविंदपुरा विधानसभा में सर्वाधिक 97 हजार से ज्यादा नाम कटे हैं। इसके अलावा नरेला में 81 हजार, मध्य विधानसभा में 67 हजार, दक्षिण-पश्चिम में 63 हजार और हुजूर विधानसभा में 65 हजार से अधिक मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।

22 जनवरी 2026 तक दावा-आपत्ति का मौका

निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह केवल ड्राफ्ट सूची है और अंतिम प्रकाशन से पहले नागरिकों को मौका दिया जाएगा। दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की प्रक्रिया 22 जनवरी 2026 तक चलेगी। इसके बाद इन आपत्तियों का निराकरण और सत्यापन किया जाएगा। आयोग द्वारा 21 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इस कवायद का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रहे और सूची पूरी तरह त्रुटिरहित हो।