महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने बुधवार, 10 सितंबर को अपने सभी निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए। उनके कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, उनकी तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए उन्हें आराम की जरूरत है। हालांकि, इस अचानक फैसले ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। इससे पहले मंगलवार रात वर्ली डोम में हुई एक अहम बैठक में भी अजित पवार शामिल नहीं हुए थे। उस बैठक का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने किया था।
अजित पवार की गैरमौजूदगी और कार्यक्रमों के रद्द होने के पीछे वजह को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह मामला सिर्फ उनकी सेहत का नहीं, बल्कि नाराजगी का भी हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि हाल ही में IPS अंजना कृष्णा को लेकर हुए विवाद के बाद अजित पवार अपने सहयोगी दलों से नाराज हैं। उनका मानना है कि विवाद के समय उन्हें सहयोगियों का समर्थन नहीं मिला। यही वजह है कि अब उन्होंने खुद को कार्यक्रमों से दूर कर लिया है।
अजित पवार ने सभी कार्यक्रम किए रद्द
यह विवाद सोलापुर जिले के कुर्डू गांव से जुड़ा है। यहां अवैध खनन रोकने पहुंची IPS अंजना कृष्णा और एनसीपी कार्यकर्ताओं के बीच विवाद हो गया था। कार्यकर्ताओं ने सीधे उप मुख्यमंत्री अजित पवार को फोन कर दिया। इसके बाद पवार और अंजना कृष्णा के बीच फोन पर तीखी बहस हुई। वीडियो में साफ सुना गया कि अंजना कृष्णा ने कहा, “अगर आप बात करना चाहते थे तो सीधे मुझे कॉल करना चाहिए था।” इस पर अजित पवार ने नाराजगी जताते हुए जवाब दिया, जिससे विवाद और बढ़ गया।
इस घटना के बाद विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया और अजित पवार पर सवाल खड़े किए। वहीं, सहयोगी दलों की चुप्पी ने उन्हें और ज्यादा आहत कर दिया। अब कार्यक्रम रद्द करने के फैसले को इसी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, आधिकारिक रूप से इसे केवल स्वास्थ्य संबंधी कारण बताया गया है। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि मामला केवल तबीयत का है या फिर इसके पीछे राजनीतिक नाराजगी भी छुपी हुई है।





