वडाला से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने खुद को नकली विधायक साबित करने के लिए अपनी निजी गाड़ियों पर विधानसभा सदस्य का लोगो और ‘महाराष्ट्र शासन’ की पाटी लगाई हुई थी। आरोपी इन फर्जी पहचान के सहारे टोल टैक्स की छूट और कई अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहा था। शिकायत दर्ज होने के बाद वडाला टीटी पुलिस ने आरोपी मानव व्यंकटेश मुन्नास्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, इस मामले की शिकायत सेवानिवृत्त बेस्ट कर्मचारी और सामाजिक कार्यकर्ता बाबूराव गंगाराम सुलम ने की थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि आरोपी ने अपनी दो निजी कारों को ऐसे तैयार किया था, मानो वे सरकारी वाहन हों। इन गाड़ियों पर हरे रंग का गोल लोगो लगाया गया था, जिस पर ‘विधानसभा सदस्य’ लिखा था और उसमें भारत सरकार का अशोक स्तंभ भी बना था। यही नहीं, उसने ‘महाराष्ट्र शासन’ की खास पाटी भी गाड़ियों पर लगा रखी थी, जो केवल सरकारी वाहनों को इस्तेमाल करने की अनुमति है।
मुंबई में नकली विधायक गिरफ्तार
शिकायत में यह भी कहा गया कि आरोपी न तो कोई जनप्रतिनिधि है और न ही किसी सरकारी पद पर कार्यरत है। इसके बावजूद उसने खुद को नकली विधायक के रूप में प्रस्तुत किया और जनता व अधिकारियों को गुमराह किया। यह कार्य कानून का उल्लंघन है और सरकारी प्रतीकों का गलत इस्तेमाल भी। वडाला टीटी पुलिस ने इस मामले में धारा 420 समेत संबंधित प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया है और आरोपी के मकसद व उसकी गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है।
इसी बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी एक गंभीर आरोप लगाया है। पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट कर दावा किया कि मंत्रालय में फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर प्रवेश कराया गया और इसके लिए 9.75 लाख रुपये रिश्वत भी दी गई। कांग्रेस ने सीधे तौर पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं सत्ताधारियों के संरक्षण के बिना संभव नहीं हैं। कांग्रेस ने लिखा कि आम आदमी को मंत्रालय में प्रवेश पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है, जबकि दलालों को सीधी और बेरोकटोक पहुंच मिल रही है। पार्टी का आरोप है कि महायुति सरकार के राज में मंत्रालय भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुका है।





