स्वतंत्रता दिवस से पहले महाराष्ट्र के कई शहरों में मांस बिक्री और कत्तलखानों पर अस्थायी रोक लगाने के आदेश जारी हुए हैं। कल्याण में 15 अगस्त को मांस बिक्री बंद रखने के फैसले के बाद अब मालेगांव और छत्रपति संभाजीनगर में भी यह आदेश लागू किया गया है। मालेगांव महानगरपालिका ने 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस), 20 अगस्त (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी) और 27 अगस्त (गणेश चतुर्थी, जैन संवत्सरी) को पूरे दिन सभी मांस बिक्री की दुकानें और कत्तलखाने बंद रखने का आदेश जारी किया है। वहीं, छत्रपति संभाजीनगर में केवल 15 अगस्त को यह बंदी लागू रहेगी। मुस्लिम बहुल इलाकों में इस तरह के आदेश से विवाद की आशंका भी जताई जा रही है।
मांस बिक्री पर तीन दिन की बंदी
कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका ने स्पष्ट किया कि 15 अगस्त की बंदी का आदेश नया नहीं है, बल्कि यह पहले से लागू पुराने आदेश का पालन है। इसके तहत मटन-चिकन खाने पर रोक नहीं है, बल्कि केवल बिक्री पर प्रतिबंध है। वहीं, मालेगांव में यह आदेश तीन अलग-अलग त्योहारों को देखते हुए जारी किया गया है। इसमें स्वतंत्रता दिवस के साथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और जैन समुदाय के प्रमुख पर्व पर्युषण के दौरान भी बंदी का प्रावधान रखा गया है।
मालेगांव महानगरपालिका ने कहा कि धार्मिक सौहार्द, सार्वजनिक शांति और संवेदनशीलता बनाए रखने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखा गया है। साथ ही, आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। अधिकारियों का मानना है कि ऐसे फैसले से संवेदनशील अवसरों पर अनावश्यक तनाव से बचा जा सकता है।
छत्रपति संभाजीनगर में भी 15 अगस्त को सभी कत्तलखाने और मांस बिक्री की दुकानों को बंद रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। यहां यह कदम स्वतंत्रता दिवस, जन्माष्टमी और जैन पर्युषण पर्व को ध्यान में रखकर उठाया गया है। फिलहाल, बंदी के दौरान प्रशासन ने सख्ती से पालन कराने के संकेत दिए हैं, ताकि किसी भी प्रकार के विवाद या अशांति की स्थिति न पैदा हो।





