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Tue, Dec 16, 2025

‘2011 से अब तक 6600 कंपनियां का बंगाल से पलायन, करोड़ों रुपये का नुकसान’; भाजपा ने ममता सरकार को घेरा

Written by:Mini Pandey
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अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी ने उद्योगों के प्रति कानूनी प्रतिबद्धताओं को नजरअंदाज कर वोट-बैंक की राजनीति को प्राथमिकता दी है।
‘2011 से अब तक 6600 कंपनियां का बंगाल से पलायन, करोड़ों रुपये का नुकसान’; भाजपा ने ममता सरकार को घेरा

भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित मालवीय ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार पर वेस्ट बंगाल इंसेंटिव स्कीम्स एंड ऑब्लिगेशन्स रिवोकेशन एक्ट, 2025 पारित करने के लिए तीखा हमला बोला। उन्होंने इस कानून को बंगाल की औद्योगिक महत्वाकांक्षाओं के लिए आखिरी कील करार दिया। यह कानून 1993 से निवेशकों को दिए गए 32 साल के औद्योगिक वादों को एकतरफा रद्द करता है, जिससे डालमिया भारत, बिरला कॉर्प, और अल्ट्राटेक जैसी प्रमुख कंपनियों को 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने की संभावना है।

मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दावा किया कि यह कानून निवेशकों को यह संदेश देता है कि उनका पैसा पश्चिम बंगाल में सुरक्षित नहीं है। उन्होंने इसे संप्रभु विश्वासघात करार देते हुए कहा कि 2011 से अब तक 6,600 कंपनियां राज्य से पलायन कर चुकी हैं। मालवीय ने आरोप लगाया कि यह कदम बंगाल के आर्थिक भविष्य को नष्ट करने की सुनियोजित कोशिश है, जिसका मकसद 2026 के चुनावों से पहले लोकलुभावन योजनाओं को वित्तपोषित करना है। उन्होंने कहा कि टीएमसी सरकार 6 लाख करोड़ रुपये के कर्ज और 44,000 करोड़ रुपये के महंगाई भत्ते के बकाया में डूबी हुई है।

कानूनी प्रतिबद्धताओं को नजरअंदाज

अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी ने उद्योगों के प्रति कानूनी प्रतिबद्धताओं को नजरअंदाज कर वोट-बैंक की राजनीति को प्राथमिकता दी है। उन्होंने तर्क दिया कि स्थायी गरीबी उन्मूलन नौकरियों से आता है और नौकरियां उद्योगों से पैदा होती हैं। इस कानून को लागू करने से बंगाल में निवेश का माहौल बिगड़ रहा है, जिससे राज्य गरीबी और निर्भरता के दुष्चक्र में फंस रहा है। मालवीय ने सिंगूर से टाटा के बाहर निकलने जैसे पिछले उदाहरणों का हवाला देकर टीएमसी की उद्योग-विरोधी नीतियों पर सवाल उठाए।

बंगाल की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति

बीजेपी नेता ने चेतावनी दी कि इस कानून से न केवल भारी कानूनी परिणाम होंगे, बल्कि बंगाल की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि यह कानून हाई कोर्ट के उन आदेशों को भी नजरअंदाज करता है, जिनमें सरकार को बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। मालवीय ने इसे न्यायपालिका और कानून के शासन पर सीधा हमला बताया। उन्होंने कहा कि इस कदम से भविष्य के निवेश के लिए विश्वास का माहौल खत्म हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप बंगाल के युवा बेहतर अवसरों की तलाश में राज्य छोड़ते रहेंगे।