तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बिहार में आयोजित वोटर अधिकार रैली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी कहकर पुकारने की भूल की। यह रैली कांग्रेस नीत इंडिया गठबंधन द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन के विरोध में आयोजित की गई थी। स्टालिन की इस गलती को बीजेपी और तमिल अभिनेता-राजनेता विजय की पार्टी टीवीके ने तुरंत भुनाने की कोशिश की। बीजेपी ने इसे पैचवर्क सरकार की संज्ञा दी, जबकि टीवीके ने स्टालिन को अंकल कहकर चुटकी ली।
डीएमके ने इस भूल को सुधारने के लिए स्टालिन के भाषण में राजीव गांधी की जगह राहुल गांधी शब्द जोड़कर वीडियो को एडिट किया। हालांकि, यह संपादन वीडियो के बाकी हिस्सों के साथ तालमेल नहीं बिठा सका और यह स्पष्ट रूप से असंगत दिखाई दिया। यह संपादित वीडियो अभी भी स्टालिन के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है। डीएमके ने इस पर कोई और टिप्पणी नहीं की और इसे छोटी राजनीति का हिस्सा बताकर खारिज कर दिया।
बिहार जाकर नाम गलत बोलना
बीजेपी के पूर्व तमिलनाडु प्रमुख के अन्नामलाई ने इस मुद्दे पर स्टालिन और उनकी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर मूल और संपादित वीडियो को साझा करते हुए कहा, “बिहार जाकर नाम गलत बोलना, वह भी कागज पढ़ते हुए और फिर उसे सुधारने की हताश कोशिश, यह सब बहुत कुछ कहता है।” इसके अलावा, बीजेपी ने स्टालिन, राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की एक तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए इन्हें निराशाजनक और असंगत वंशवादी करार दिया।
राजनीतिक तनातनी को और हवा
इस घटना ने बिहार में डीएमके और बीजेपी के बीच राजनीतिक तनातनी को और हवा दी। बीजेपी ने डीएमके के नेताओं द्वारा बिहार के लोगों के खिलाफ पहले की गई अपमानजनक टिप्पणियों को भी उजागर किया और स्टालिन की बिहार यात्रा को राजनीतिक दिखावा करार दिया। बीजेपी का दावा है कि यह यात्रा डीएमके की बिहारियों के प्रति गहरी नफरत को छिपाने की कोशिश मात्र है।





