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Sun, Dec 21, 2025

‘जी राम जी’ बिल पर सियासत तेज, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा- ‘गारंटी’ शब्द को खत्म कर देगा नया कानून

Written by:Shyam Dwivedi
Published:
भारत के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने तमिलनाडु कांग्रेस कार्यालय में मनरेगा मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। योजना के नाम 'VB-G-RAM-G' पर तंज कसते हुए कहा कि यह न तो सही अंग्रेजी है और न ही कोई स्पष्ट भारतीय भाषा।
‘जी राम जी’ बिल पर सियासत तेज, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा- ‘गारंटी’ शब्द को खत्म कर देगा नया कानून

मनरेगा (MGNREGA) की जगह लेने वाले विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी ‘वीबी-जी राम जी’ बिल को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की मंजूरी मिल गई है, लेकिन इससे जुड़ा जी राम जी नाम विवादों में घिर गया है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल नए बिल का विरोध कर रहे हैं। इस बीच, भारत के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने तमिलनाडु कांग्रेस कार्यालय में मनरेगा मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।

‘VB-G-RAM-G’ नाम पर तंज पी चिदंबरम का तंज

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पी चिदंबरम ने कहा कि इस योजना में बदलाव करके महात्मा गांधी की दूसरी बार हत्या की गई है। योजना के नाम ‘VB-G-RAM-G’ पर तंज कसते हुए कहा कि यह न तो सही अंग्रेजी है और न ही कोई स्पष्ट भारतीय भाषा। यह केवल अंग्रेजी अक्षरों में लिखे गए हिंदी शब्द हैं, जिन्हें समझना आम जनता तो दूर, खुद मंत्रियों के लिए भी कठिन है। उनके अनुसार, इस तरह के अस्पष्ट नाम योजना की गंभीरता को कम करते हैं।

चिदंबरम ने कहा कि यह योजना देशभर में समान रूप से लागू नहीं होगी। अब केंद्र सरकार यह तय करेगी कि किन जिलों या क्षेत्रों में काम दिया जाना चाहिए। उन्होंने इसे संघीय ढांचे पर प्रहार बताते हुए कहा कि इससे राज्यों की शक्तियां कमजोर होंगी और भेदभाव की संभावना बढ़ेगी।

‘गारंटी’ शब्द को खत्म कर देगा नया कानून

उन्होंंने आगे कहा कि बिल के अनुसार साल के 60 दिन यह योजना लागू नहीं होगी, लेकिन वे 60 दिन कौन से होंगे, इसकी कोई स्पष्टता नहीं है। यदि किसी जिले को ‘नो वर्क’ (काम नहीं) क्षेत्र घोषित कर दिया जाता है तो वहां के मजदूर रोजगार की मांग भी नहीं कर पाएंगे। यह कानून अब गारंटी शब्द के अर्थ को ही खत्म कर रहा है।

चिदंबरम ने गिनाए मनरेगा के लाभ

मनरेगा के लाभ गिनाते हुए चिदंबरम ने कहा कि पुरानी योजना 12 करोड़ परिवारों के लिए सुरक्षा कवच थी। महिलाओं के हाथ में सीधे पैसे आने से उन्हें आत्मनिर्भरता मिलती थी। नया बिल इस सुरक्षा चक्र को कमजोर कर रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और खासकर महिलाओं पर बुरा असर पड़ेगा।

चिदंबरम ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 100 दिन के वादे के मुकाबले औसतन केवल 50 दिन का काम मिल पा रहा है। 2024-25 के बजट में भी भारी गिरावट देखी गई है और हजारों करोड़ रुपये की मजदूरी बकाया है। अंत में, उन्होंने एक गंभीर आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल महात्मा गांधी के योगदान को नजरअंदाज कर रहा है।

बता दें कि विपक्ष लगातार नए कानून का विरोध कर रहा है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने पुराने मनरेगा योजना पर बुलडोजर चला दिया है। अब इस मुद्दे पर 29 दिसंबर को संसद की स्थाई समिति की बैठक बुलाई गई है।